देहरादून और पौड़ी में 275 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त
आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकताओं पर कार्रवाई का क्रम जारी है। दून और पौड़ी में कुल 275 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त कर दी गई है।
देहरादून, जेएनएन। आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकताओं पर कार्रवाई का क्रम जारी है। दून और पौड़ी में कुल 275 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। विभाग की ओर से नोटिस भेजे जाने के बावजूद कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर अड़े रहने पर यह कार्रवाई की गई है। वहीं, विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने आंदोलनकारियों से काम पर लौटने की अपील की है। साथ ही चेतावनी दी है कि काम पर न लौटने से बिगड़ रही व्यवस्थाओं के चलते उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विकास परियोजना अधिकारियों ने आदेश जारी कर हड़ताल में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। इसमें देहरादून के कालसी ब्लॉक की 242 कार्यकर्ता शामिल हैं, जबकि चकराता ब्लॉक की तीन कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है। उधर, पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा ब्लॉक के कुल 30 कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया गया है। बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकत्री व सहायिकाओं की हड़ताल के कारण प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन समेत अन्य कार्य ठप पड़े हैं। चेतावनी के बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम पर नहीं लौट रही हैं। ऐसे में शासन के आदेश के तहत उन पर कार्रवाई की जा रही है। कालसी ब्लॉक में सीडीपीओ अंजू बडोला और चकराता में सीडीपीओ नीतू फुलारा ने बर्खास्तगी के आदेश जारी किए।
दुगड्डा में भी सख्त हुआ विभाग
जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार के नोटिस दिए जाने के बाद भी काम पर न लौटना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को भारी पड़ने लगा है। शनिवार को दुगड्डा ब्लॉक की 16 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व 14 सहायिकाओं की सेवाएं समाप्त कर दी गई। पंद्रह विकासखंडों वाले पौड़ी जिले में वर्तमान में पांच विकासखंडों में शनिवार को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं आंदोलन पर डटी रहीं।
अखिलेश मिश्र (जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास) का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की राज्यमंत्री या सचिव के साथ क्या बात हुई है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। साथ ही अभी किसी प्रकार को कोई नया आदेश भी नहीं मिला है। पूर्व में मिले आदेश के अनुसार ही बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है।
रेखा आर्य, राज्य मंत्री (महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग) का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल से आंगनबाड़ी केंद्र प्रभावित हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे काम पर लौट जाएं। उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा, जो भी संभव होगा सरकार प्रयास करेगी। काम पर न लौटने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई को मजबूर होना पड़ेगा।
धरने पर डटीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मानदेय 18 हजार रुपये करने समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंदोलनरत हैं। चेतावनी के बाद भी काम पर न लौटने पर विभाग ने बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर अड़ी हुई हैं। ऐसे में शनिवार को भी बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परेड ग्राउंड में धरना स्थल पर बैठी रहीं।
कैंट विधायक से की मुलाकात
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कैंट विधायक हरबंस कपूर से मुलाकात की और मांगों से अवगत कराया। साथ ही बर्खास्तगी की कार्रवाई पर रोष जताते हुए आदेश वापस लेने की मांग की। विधायक कपूर ने राज्यमंत्री रेखा आर्य और विभागीय सचिव सौजन्य से वार्ता करने की बात कही। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मुताबिक विधायक ने चार फरवरी को आंदोलनकारियों की मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने की बात कही है। साथ ही विभागीय मंत्री से बर्खास्तगी वापस लेने पर बात करने का आश्वासन दिया। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री-सेविका-मिनी कर्मचारी संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी, महामंत्री सुमति थपलियाल, मीनाक्षी, ज्योति पांडेय आदि शामिल थीं।
यह भी पढ़ें: 29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त, 65 को भेजा गया नोटिस
सुपरवाइजर करेंगी केंद्रों का निरीक्षण
बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सोमवार से प्रत्येक सुपरवाइजर प्रतिदिन दस-दस आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करेंगी। यदि किसी केंद्र में कार्य होता नहीं पाया गया तो संबंधित केंद्र में तैनात कार्यकर्ता व सहायिका की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।