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    Uttarakhand News: अंतिम महीने मार्च में खर्च हुई 4000 करोड़ की राशि, CM धामी खुद बजट पर रख रहे हैं नजर

    Updated: Sun, 13 Apr 2025 08:16 AM (IST)

    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुसार विभागों को हर महीने स्व निर्धारित मासिक कार्ययोजना के अनुसार बजट खर्च करना होगा। मासिक बजट खर्च की समीक्षा हर महीने मुख्य सचिव करेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं हर तीन माह में बजट के उपयोग पर नजर रखेंगे। वहीं साल के अंतिम महीने मार्च में 4000 करोड़ की धन राशि खर्च हुई है।

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    अंतिम महीने मार्च में खर्च हुई 4000 करोड़ की राशि

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतिम महीने मार्च में ही पूंजीगत कार्यों के बजट की लगभग 4000 करोड़ की बड़ी राशि खर्च हुई। अंतिम महीने और अंतिम दिनों में बजट ठिकाने लगाने की विभागों की प्रवृत्ति पर अब कड़ाई से अंकुश लगेगा।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस संबंध में निर्देशों का पालन करने के लिए विभाग पूंजीगत कार्यों के बजट के मासिक खर्च की कार्ययोजना तैयार करेंगे। इसे क्रियान्वित करने में ढिलाई बरती गई तो संबंधित विभाग के वार्षिक बजट में कटौती की जाएगी।

    प्रदेश को आर्थिक रूप से सेहतमंद बनाने के लिए बजट के सदुपयोग पर सरकार विशेष बल दे तो रही है, लेकिन विभागों की कार्यप्रणाली इसमें आड़े आ रही है। हालत ये है कि विभाग खर्च के लिए जितना बजट प्रस्तावित करते हैं, पूरे वित्तीय वर्ष में उसका उपयोग नहीं कर पाते।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। जागरण


    पूंजीगत कार्यों के लिए निर्धारित बजट का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। यद्यपि, वित्तीय वर्ष 2024-25 में तमाम शुरुआती कठिनाइयों के बाद भी पूंजीगत कार्यों में 11 हजार करोड़ से अधिक बजट राशि खर्च में सफलता मिली है। इसका दूसरा पहलू यह है कि इसमें से 4000 करोड़ की राशि मात्र मार्च के महीने में खर्च की गई।

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    बजट खर्च की गुणवत्ता के दृष्टिगत इसे स्वस्थ परंपरा के रूप में नहीं देखा जाता। यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसी माह के पहले सप्ताह में समीक्षा बैठक में विभागों को दिसंबर तक 80 प्रतिशत बजट खर्च करने का लक्ष्य थमाया है।

    वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक विभाग को मासिक बजट खर्च की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार बजट खर्च नहीं करने वाले विभाग के वार्षिक बजट में कटौती की जाएगी। साथ में बजट को ससमय खर्च करने वाले विभागों को प्रोत्साहनस्वरूप अनुपूरक बजट में अधिक धन उपलब्ध कराया जाएगा।

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