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उत्‍तराखंड में विशिष्ट कृषि उत्पादों के नाम से जानी जाएंगी घाटियां

उत्‍तराखंड में जो घाटी जिस कृषि उत्पाद के लिए मशहूर है वहां उसे बढ़ावा देने की दिशा में सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है।

By Edited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 02:32 PM (IST)
उत्‍तराखंड में विशिष्ट कृषि उत्पादों के नाम से जानी जाएंगी घाटियां

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में जो घाटी जिस कृषि उत्पाद के लिए मशहूर है, वहां उसे बढ़ावा देने की दिशा में सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है। ऐसे क्षेत्रों में संबंधित कृषि उत्पादों के क्लस्टर तैयार किए जा रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि राज्य की ये घाटियां अपने विशिष्ट उत्पादों के नाम से ही जानी जाएं। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम इस मैकेनिज्म पर आगे बढ़ रहे हैं, जिससे संबंधित घाटियों के विशिष्ट कृषि उत्पादों का उत्पादन बढ़े और किसानों को लाभ मिले।

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पहाड़ को बनाएंगे जैविक

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में अभी तक 10 विकासखंडों को जैविक घोषित किया गया है। वहां रासायनिक उर्वरकों की बिक्री प्रतिबंधित की गई है। धीरे-धीरे इस मुहिम को पूरे पर्वतीय क्षेत्र में लागू किया जाएगा। इस कड़ी में एग्रीकल्चर ऑर्गनिक एक्ट, नर्सरी एक्ट आगामी विस सत्र में लाए जा रहे हैं। साथ ही रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था को मूर्त रूप दिया जा रहा है, ताकि किसानों को जैविक उत्पादों के उचित दाम मिल सकें।

दून में सबसे ज्यादा घटी कृषि भूमि

एक सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद प्रदेश में करीब 15 फीसद कृषि भूमि घटी है। ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण भी इसमें एक बड़ा कारण रहा, मगर यह जरूरी भी था। इसी के चलते देहरादून में सबसे ज्यादा कृषि भूमि घटी और इसका असर दून की बासमती पर भी पड़ा। 

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प्याज की जमाखोरी रोकने पर फोकस

प्याज की कीमतों में लगातार उछाल से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि रियायती दर पर प्याज मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। उत्पादन में कमी के कारण प्याज की कीमतें बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि प्याज की जमाखोरी न होने पाए, इस पर खास फोकस किया गया है। इस बारे में अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।

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