Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Coronavirus Zones: दून में एक दिन में सर्वाधिक चार कंटेनमेंट जोन, जानिए कौन से क्षेत्र हैं शामिल

    By Edited By:
    Updated: Fri, 29 May 2020 08:27 AM (IST)

    सर्वाधिक चार गुरुवार को कंटेनमेंट जोन बनाए गए। इनमें तीन देहरादून नगर निगम और एक ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में है।

    Hero Image
    Coronavirus Zones: दून में एक दिन में सर्वाधिक चार कंटेनमेंट जोन, जानिए कौन से क्षेत्र हैं शामिल

    देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस का संक्रमण थमने के बजाए अब बढ़ने लगा है। 20 मई को कंटेनमेंट जोन मुक्त हुए दून में आठ दिन के भीतर ही आठ नए कंटेनमेंट जोन अस्तित्व में आ गए हैं। गुरुवार को सर्वाधिक चार कंटेनमेंट जोन बनाए गए। इनमें तीन देहरादून नगर निगम और एक ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
    जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के आदेश के क्रम में देहरादून में रेसकोर्स तिराहे के पास, डांडीपुर मोहल्ले के एक भाग, संतोवाली घाटी की एक गली व ऋषिकेश में सिंचाई विभाग के परियोजना खंड स्थित डी ब्लॉक को कंटेनमेंट जोन (नियंत्रण क्षेत्र) घोषित कर दिया गया है। सभी इलाके सील कर दिए गए हैं। किसी भी व्यक्ति को कंटेनमेंट जोन से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। यहां के लोगों को जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति प्रशासन मोबाइल वैन के जरिये कराएगा। इन वैन से खरीदारी के लिए भी परिवार के एक सदस्य को घर के पास आने की अनुमति होगी। इन जोन में यदि कोई सरकारी कार्यालय, बैंक, एटीएम आदि हैं तो उन्हें भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं। 
    इससे पहले देहरादून में कंटेनमेंट जोन की शुरुआत 17 मई को एफआरआइ से हुई थी। इसके बाद जमातियों के आने से संक्रमण बढ़ा तो कंटेनमेंट जोन का आंकड़ा बढ़कर सात हो गया। वहीं, ऋषिकेश एम्स में संक्रमण की नई चुनौती सामने आने के बाद चार और इलाके भी कंटेनमेंट जोन में तब्दील करने पड़ गए। फिर चमन विहार की गली नंबर 11 को भी पृथक रूप से लॉकडाउन कर कंटेनमेंट जोन बनाया गया। 20 मई को पूर्व के सभी जोन समाप्त कर दिए गए थे। 20 मई के बाद बने जोन गुरुरोड, सेवाला कलां क्षेत्र, एमडीडीए कॉलोनी का ईडब्लूएस ब्लॉक, ऋषिकेश में बैराज कॉलोनी।
    डिस्चार्ज करते समय करें निर्देशों का अनुपालन
    स्वास्थ्य महकमे ने सभी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज करते समय शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। शासन ने कुछ समय पहले कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एक पॉलिसी बनाई थी, जिसमें स्पष्ट है कि कोराना संक्रमित मरीज का पहला सेंपल नेगेटिव आने के बाद तीन दिनों तक उसकी निगरानी की जाए।
    अगर उसे बुखार नहीं आता तो उसे डिस्चार्ज कर होम क्वारंटाइन किया जाए। लेकिन, कई अस्पताल मरीजों का पहला सैंपल नेगेटिव आने के बाद कोई लक्षण न मिलने पर भी रिपीट सैंपल ले रहे हैं। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने आदेश जारी किया है कि सभी अस्पताल शासन की नीति के अनुसार ही मरीजों को डिस्चार्ज करें।