Dehradun Cloudburst: देहरादून के सरखेत क्षेत्र में राहत कार्यों के बीच मौसम की चेतावनी से प्रशासन सतर्क
Dehradun Cloudburst देहरादून के सरखेत क्षेत्र में राहत कार्यों के बीच मौसम की चेतावनी से प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी सोनिका ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है।

जागरण संवाददता, देहरादूनः Dehradun Cloudburst सरखेत क्षेत्र में जिला प्रशासन की निगरानी में 13 विभागों की टीम राहत और बचाव कार्यों में जुटी है। साथ ही क्षतिग्रस्त संपर्क मार्गों, पुलों, बिजली-पानी की लाइनों को बहाल करने का काम भी चल रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर भारी बारिश का अनुमान जताया है। जिलाधिकारी सोनिका ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है।
सभी को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश
मंगलवार को जारी प्रेस बयान में जिलाधिकारी सोनिका ने कहा कि यदि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मौसम करवट लेता है तो इससे राहत और बचाव कार्यों में चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा, सभी अधिकारी समय रहते ही आवश्यक प्रबंध कर लें।
यदि कहीं आपात स्थिति पैदा होती है तो तत्काल आपदा प्रबंधन तंत्र को संबंधित क्षेत्रों के लिए रवाना किया जाए। वहीं, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने मालदेवता जूनियर हाईस्कूल में बनाए गए राहत शिविर का निरीक्षण कर व्यवस्था का परीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि शिविर में रह रहे 11 प्रभावित परिवारों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने पूरे क्षेत्र में स्वच्छता आदि की व्यवस्था भी पुख्ता रखने के निर्देश दिए।
आपदाग्रस्त क्षेत्र में सक्रिय दल
- एनडीआरएफ, 20 खोज व बचाव दल
- एसडीआरएफ, 24 खोज व बचाव दल
- एक डाग स्क्वाड (सरखेत, ग्वाड़, धौलागिरी पेरू रिजार्ट )
- फ्लड टीम, सौंग नदी में राफ्ट के साथ सक्रिय
- दो स्क्वाड व छह पुलिस बल (मालदेवता नदी क्षेत्र में सक्रिय)
- 24 पुलिस बल (सात सरखेत, लालपुल से डोईवाला के बीच सक्रिय)
- पांच रेस्क्यू टीम (बालावाला क्षेत्र में कार्यरत)
- मरम्मत व निर्माण कार्य में (लोनिवि निर्माण खंड की आठ जेसीबी, एक राक ब्रेकर, दो पोकलैंड व लोनिवि अस्थायी खंड की छह जेसीबी, सात पोकलैंड व 20 डंपर कार्यरत)
- स्वास्थ्य विभाग की दो मेडिकल टीम
करन माहरा ने आपदा प्रबंधन पर उठाए सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर राज्य में आपदा से निपटने की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा संभावित क्षेत्रों की सुरक्षा की व्यवस्था पहले से करने में सरकार नाकाम रही है।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजन को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। साथ ही प्रभावित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और उनके समुचित पुनर्वास की पैरवी की है।
पत्र में करन माहरा ने कहा कि बीती 20 अगस्त को भारी बरसात से राज्य के कई जिलों में जानमाल की भारी क्षति हुई। राजधानी देहरादून के समीप मालदेवता सरखेत, टिहरी और यमकेश्वर इलाकों में अतिवृष्टि एवं बादल फटने की घटनाएं हुईं।
आपदा में कई लोग हताहत हुए। कई लोग अब भी लापता हैं। सरखेत में मकान के मलबे में दबे व्यक्तियों को चार दिन बाद भी नहीं निकाला जा सका है। आपदा में लापता एवं गंभीर रूप से घायलों की संख्या का सही आकलन नहीं हो पाया।
माहरा ने कहा कि कई जिला मुख्यालयों का संपर्क टूट गया है। इससे प्रभावितों तक राहत नहीं पहुंच पा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग आपदा संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रबंध नहीं कर पाया। विभाग को आपदा के प्रति संवेदनशील क्षेत्र के निवासियों के उचित विस्थापन की व्यवस्था करनी चाहिए।
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