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शैक्षणिक संस्थान उद्योगों के साथ मिलकर विकसित करेंगे नई तकनीक

अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में फैसला लिया गया कि शैक्षणिक संस्थानों को किसी न किसी औद्योगिक संस्थान के साथ मिलकर नई तकनीक विकसित करनी चाहिए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 09:00 AM (IST)
शैक्षणिक संस्थान उद्योगों के साथ मिलकर विकसित करेंगे नई तकनीक
शैक्षणिक संस्थान उद्योगों के साथ मिलकर विकसित करेंगे नई तकनीक

देहरादून, जेएनएन। उत्तराचंल विश्वविद्यालय में ग्रीन केमिस्ट्री और टेक्नोलॉजी पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में फैसला लिया गया कि शैक्षणिक संस्थानों को किसी न किसी औद्योगिक संस्थान के साथ मिलकर नई तकनीक विकसित करनी चाहिए। कॉन्फ्रेंस में अमेरिकन केमिकल सोसाइटी ने उत्तरांचल विवि में देहरादून स्टूडेंट्स चैरिटी की घोषणा की। 

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बुधवार को कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन आइआइपी, एफआरआइ, आइआइटी रुड़की, बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर व वैज्ञानिकों ने विचार रखे। इस मौके पर हुई पोस्टर प्रतियोगिता में आइआइपी के सौरभ कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। शोधपत्र प्रकाशित करने के लिए करनाल के डॉ. रविंद्र सिंह को यंग साइंटिस्ट अवार्ड दिया गया। जबकि द्वितीय पुरस्कार नागपुर निवासी डॉ.अविनाश भाके एवं तृतीय पुरस्कार रुड़की की सुरभि सागर को मिला। कॉन्फ्रेंस में कनाडा, अमेरिका, रूस, श्रीलंका, बांगलादेश, मंगोलिया सहित देश के विभिन्न राज्यों ने प्रतिभाग किया।   

इस मौके पर विवि के वाइस चांसलर प्रो.एनके जोशी, डॉ.अजय सिंह, डॉ.विनाद कुमार, डॉ.रोहित शर्मा भी मौजूद रहे। 

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