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    राशन डीलर संक्रमित, राशन के इंतजार में जिले के कार्ड धारक

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 21 May 2021 07:10 AM (IST)

    कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में रोजमर्रा के जीवन के कई कार्य प्रभावित हुए हैं। सस्ता गल्ला दुकानों की राशन वितरण व्यवस्था भी इसकी जद में है। देहरादून जिले में अब तक करीब 25 राशन डीलर कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गवां चुके हैं।

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    जिलेभर में करीब 20000 से ज्यादा राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं ले पा रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में रोजमर्रा के जीवन के कई कार्य प्रभावित हुए हैं। सस्ता गल्ला दुकानों की राशन वितरण व्यवस्था भी इसकी जद में है। देहरादून जिले में अब तक करीब 25 राशन डीलर कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं, 20 से ज्यादा राशन डीलर संक्रमित हैं। कई राशन डीलर के परिवार में संक्रमण है। ऐसे में राशन डीलर दुकान खोलने में असमर्थ हैं। इसके चलते जिलेभर में करीब 20000 से ज्यादा राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं ले पा रहे हैं। 

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    पिछले डेढ़ महीने में देहरादून जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ी है। बीते तीन हफ्ते तो देहरादून पर बहुत भारी साबित हुए हैं। हालांकि, अब धीरे-धीरे संक्रमण कम होता जा रहा है। कोरोना के मामलों में भी कुछ दिन से कमी आने लगी है। लेकिन अचानक बड़े संक्रमण की रफ्तार में जिले में कई व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। सस्ता-गल्ला राशन की दुकानें भी इसमें शामिल हैं। सस्ता-गल्ला विक्रेता परिषद के महासचिव राकेश महेंद्रू ने बताया कि जिले भर में करीब 25 राशन डीलर कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं मौजूदा समय में 20 से ज्यादा राशन डीलर अभी कोरोना संक्रमित हैं। कई राशन डीलर के परिवार में भी संक्रमण हैं। राशन डीलर को नियमित तौर पर कई लोग के संक्रमण संपर्क में आना होता है, कब कहां से संक्रमण आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। कोरोना संक्रमण से जान गवां चुके करीब 25 राशन डीलर की दुकान पर से 10,000 से ज्यादा राशन कार्ड लगे हैं। वहीं अन्य संक्रमित राशन डीलर की दुकानों पर भी लगभग इतने ही राशन कार्ड लगे हैं। संक्रमण के चलते मृत्यु होने पर या गंभीर अवस्था में होने के चलते यह राशन डीलर दुकान खोलने में असमर्थ हैं। जिसके चलते संबंधित कार्ड धारकों को समय पर राशन नहीं मिल पा रहा है। 

    केस- एक

    दीपनगर निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि जिस दुकान पर उनका राशन कार्ड लगा है, वह दुकान करीब एक महीने से बंद है। परिवार में पांच सदस्य हैं और वह राशन के लिए कार्ड पर ही निर्भर है। अगर समय पर यह राशन नहीं मिला तो उनके घर में खाने का संकट पैदा हो जाएगा।

    केस- दो

    गोरखपुर, धर्मपुर निवासी रीना देवी ने बताया कि उनके पति मजदूरी करते हैं। हर महीने वह सरकारी दुकान से ही राशन लेकर परिवार के लिए खाना बनाती हैं। लेकिन इस बार करीब एक महीने से दुकान नहीं खुली, जिसके चलते वह राशन नहीं ले सके हैं। इस समय दिहाड़ी मजदूरी भी बंद है, जो बाहर से राशन खरीद सकें।

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     जिला आपूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी का कहना है कि जिले में करीब 25 राशन डीलर के कोरोना के चलते निधन की सूचना विभाग को मिली है। राशन डीलर के परिवारों के साथ विभाग की पूरी संवेदना है। लेकिन राशन कार्ड धारकों को समय पर राशन मिल सके इसके लिए भी विभाग प्रतिबद्ध है। कोरोना के चलते जिन डीलर का निधन हो चुका है, उनके परिवार को दुकान खोलने एवं लोगों को राशन वितरण करने के निर्देश दिए गए हैं। जो लोग दुकान संचालित नहीं करना चाहते हैं, उनके दुकानों पर लगे राशन कार्ड नजदीकी दुकानों में शिफ्ट किए जा रहे हैं, ताकि इस समय पर सभी को निर्बाध रूप से राशन मिल सके। सभी क्षेत्रों के पूर्ति निरीक्षकों को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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