कोरोना से मृत रोडवेजकर्मी के स्वजनों को मिलेंगे दस लाख रुपये
कोरोना संक्रमण के चलते मृत रोडवेज कर्मियों के स्वजनों को भी दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। सरकार की कोरोना वारियर्स श्रेणी के तहत कोरोना संक्रमण के शिकार समस्त रोडवेजकर्मियों का उपचार भी सरकार वहन करेगी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण के चलते मृत रोडवेज कर्मियों के स्वजनों को भी दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। सरकार की कोरोना वारियर्स श्रेणी के तहत कोरोना संक्रमण के शिकार समस्त रोडवेजकर्मियों का उपचार भी सरकार वहन करेगी। रोडवेज प्रबंध निदेशक डा. आशीष चौहान ने इस बारे में सभी मंडल व डिपो प्रबंधकों को कोरोना से मृत कर्मियों की सूची बनाने, उनके स्वजनों से आग्रह पत्र लेने एवं उनके जिलाधिकारी से सत्यापित कराकर रोडवेज मुख्यालय भेजने के आदेश दिए हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अब तक रोडवेज के 21 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 127 गंभीर स्थिति में भर्ती हैं। लगभग 150 कर्मचारी कोरोना को मात दे चुके हैं। इस मामले में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने सरकार के संग रोडवेज प्रबंधन से कोरोना से कर्मचारी की मृत्यु पर उसके आश्रित को दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की थी।
इसके साथ संक्रमित सभी कर्मचारियों के उपचार का खर्च वहन करने एवं परिवार के खर्च के लिए 20-20 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग भी उठाई गई थी। कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी की ओर से भेजे पत्र में बताया गया था कि इस समय रोडवेज कर्मचारी वेतन न मिलने की वजह से खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं। ऊपर से कोरोना संक्रमण ने कर्मियों की पारिवारिक स्थिति दयनीय कर दी है। देहरादून में एक अनुभाग अधिकारी समेत चालक और परिचालक मिलाकर 12 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। आरोप है कि कर्मचारियों को न तो लंबित देयकों का भुगतान हो रहा, न ही दिसंबर से अब तक वेतन मिला है।
पांच महीने का वेतन लंबित है और सरकार एवं प्रबंधन इस दिशा में सोच नहीं रहा। जो कर्मचारी गंभीर अवस्था में अस्पताल व होम आइसोलेशन में हैं, उनके पास उपचार का खर्चा तो दूर, खाने-पीने और घर का किराया देने को भी पैसे नहीं हैं।
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