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    Uttarakhand Assembly Election 2022: कांग्रेस का विकल्प बनने की जुगत में आप, 2027 का चुनाव है पार्टी का लक्ष्य

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 05 Jan 2021 08:15 AM (IST)

    Uttarakhand Assembly Election 2022 आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में कांग्रेस का विकल्प बनने की जुगत में हैं। अगले साल होने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) ने भले ही सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

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    कांग्रेस का विकल्प बनने की जुगत में आप, 2027 का चुनाव है पार्टी का लक्ष्य।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 उत्तराखंड में अगले साल होने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) ने भले ही सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी हो, मगर उसका असल लक्ष्य तो निकट भविष्य में कांग्रेस का विकल्प बनना है। माना जा रहा कि वर्ष 2022 के विस चुनाव के बूते वह आमजन तक पैठ बनाने के साथ ही स्थानीय व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने का मुद्दा उछालेगी। इसके जरिये वह वर्ष 2027 के लिए विशुद्ध रूप से अपनी जमीन तैयार करेगी।

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    उत्तराखंड के सियासी परिदृश्य को देखें तो राज्य गठन से लेकर अब तक कांग्रेस और भाजपा ही यहां सत्तासीन होती आई हैं। हालांकि, इस बीच भाजपा ने अपनी सियासी जड़ों को बहुत अधिक गहरे तक सींचा है। इसी का नतीजा है कि राज्य में वर्ष 2014 से हो रहे चुनावों में भाजपा अजेय बनी हुई है, जबकि कांग्रेस निरंतर सिमटती जा रही है। इस सबको देखते हुए आप को उत्तराखंड में अपनी जमीन नजर आने लगी है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक आप ने भले ही 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान करने के साथ ही अपनी राजनीतिक गतिविधियां बढ़ाई हों, मगर उसका असल मकसद कुछ और है। 

    यह आप भी जानती है कि विस चुनाव से सालभर पहले की सक्रियता से चुनावी जंग जीतना आसान नहीं है। अलबत्ता, इस चुनाव के बूते वह वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए खुद को विकल्प के रूप में पेश करेगी। माना जा रहा है कि यदि 2022 में भी भाजपा पुन: सत्ता में आई तो वर्ष 2027 के विस चुनाव में उसकी 10 साल की एंटी इनकमबेंसी का लाभ उठाने की आप कोशिश करेगी। इस बीच वह राज्य में अपने सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। आप की यह भी रणनीति है कि वह सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े विभिन्न विषयों को उछाले और उस पर आने वाली प्रतिक्रिया के जरिये सरकार को घेरने का काम करे।

    दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की ओर से राज्य सरकार की उपलब्धियों को लेकर बहस की चुनौती को इसी नजरिये से देखा जा रहा है। बात चाहे हो भी हो, लेकिन आप की इस धमक से आने वाले दिनों में उत्तराखंड में सियासी माहौल गर्म रहेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।

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