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उत्तराखंड में एकल महिलाओं के लिए बनेगी नीति, पढ़िए पूरी खबर

प्रदेश में अकेली रह रही महिलाओं को आश्रय सुरक्षा और जीविकोपार्जन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए राज्य स्तरीय नीति बनाए जाने की तैयारी चल रही है।

By Edited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 10:45 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 02:23 PM (IST)
उत्तराखंड में एकल महिलाओं के लिए बनेगी नीति, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में एकल महिलाओं के लिए बनेगी नीति, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की योजना सफल रही तो प्रदेश में अकेली रह रही महिलाओं को आश्रय, सुरक्षा और जीविकोपार्जन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए राज्य स्तरीय नीति बनाए जाने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर आयोग ने सोमवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें एकल महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के साथ ही उनके निदान पर चर्चा की गई। 

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तहसील चौक स्थित एक होटल में हुई कार्यशाला में एक्शनएड एसोसिएशन की मनीषा भाटिया ने एकल महिलाओं पर किए गए अध्ययन का हवाला देते हुए उनकी समस्याओं और अधिकारों के बारे में बताया। इसके अलावा डालसा सचिव और सिविल जज नेहा खुशवाह, राज्य महिला आयोग की सचिव कामिनी गुप्ता, प्रेम बहुखंडी, रेनू ठाकुर, खालिद चौधरी, मधु चौहान और विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं के सदस्यों ने भी इस संबंध में सुझाव दिए। 
नौ साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ 
कार्यशाला में पहुंची मेहूंवाला निवासी एक महिला ने बताया कि उसके पति हांगकांग में रहते हैं। वहां उसने दूसरी शादी कर ली है। फिलहाल वह सास-ससुर के साथ रह रही है, जो रोजाना गाली-गलौज करते हैं और घर छोड़ने के लिए प्रताड़ित करते हैं। महिला ने बताया कि नौ साल से पति के खिलाफ केस लड़ रही हूं, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला।
एकल महिलाओं के लिए कार्यशाला में दिए गए ये सुझाव 
-आश्रय, सुरक्षा और सरंक्षण की व्यवस्था। 
-जमीन संबंधी अधिकार। 
-जीविकोपार्जन की व्यवस्था। 
-सरकारी योजनाओं में वरीयता। 
-कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन। 
-निर्णय लेने वाले मंचों और प्रक्रियाओं में भागीदारी। 
इसलिए जरूरत है नीति की 
देश में तमाम महिलाएं विभिन्न कारणों से अकेले जीवनयापन कर रही हैं। गंभीर बात यह है कि इन महिलाओं में से अधिकांश को समाज में उचित सम्मान और अधिकार नहीं मिल रहे। उनमें सुरक्षा को लेकर भी भय बना रहता है। इसीलिए राज्य महिला आयोग को ऐसी महिलाओं के लिए नीति बनाने की जरूरत महसूस हुई। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने कहा कि आयोग ऐसी महिलाओं के लिए एक नीति बनाने को प्रयासरत है। इस नीति में कार्यशाला में आए सुझावों को शामिल करने की कोशिश की जाएगी।

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