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कोरोना और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए 99 करोड़ रुपये अवमुक्त

सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 99 करोड़ रुपये की राशि आपदा मोचन निधि से जारी की है।

By Edited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 08:53 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 01:10 PM (IST)
कोरोना और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए 99 करोड़ रुपये अवमुक्त
कोरोना और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए 99 करोड़ रुपये अवमुक्त

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 99 करोड़ रुपये की राशि आपदा मोचन निधि से जारी की है। यह राशि स्वास्थ्य विभाग, जिलाधिकारियों, जल संस्थान और लोक निर्माण विभाग के लिए जारी की गई है। पहले भी सरकार इसके लिए 85 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर चुकी है। इस प्रकार अभी तक इस मद से 184 करोड़ रुपये अवमुक्त किए जा चुके हैं। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए हैं।

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सरकार ने आपदा मोचन निधि से कुछ समय पहले कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 20 करोड़ रुपये और सभी जिलाधिकारियों को पांच करोड़ रुपये प्रति जिले के हिसाब से 65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की थी। अब एक बार फिर आपदा मोचन निधि से चिकित्सा विभाग को 16 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की गई है। इससे शरीर में एंटीबॉडी की जांच करने के लिए एलिसा मशीनों की खरीद की जाएगी। 

इसके अलावा देहरादून, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा को तीन-तीन करोड़ तथा पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर एवं चंपावत को दो करोड़ रुपये प्रति जिले के हिसाब से जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर भी सरकार ने आपदा मोचन निधि से धनराशि जारी की है। इसमें जल संस्थान को पेजयल योजनाओं की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यो के लिए 20 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को सड़क व पुलों की मरम्मत के लिए 30 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं।

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शासन ने जिलाधिकारियों को धनराशि जारी करने के साथ ही ये निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार कार्यवाही की जाए। जिलों में स्थित राहत शिविरों व क्वारंटाइन सेंटर, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर विद्युत, पेयजल, स्वच्छता, भोजन व सेनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाए।

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