Coronavirus: उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों में कोरोना से हुई 90 फीसद मौत
कोरोना से 90 फीसद मौत प्रदेश के चार मैदानी जिलों देहरादून हरिद्वार नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में हुई हैं। वहीं अन्य नौ जिले इस लिहाज से सुकून में हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसी रफ्तार से मौत का ग्राफ भी बढ़ रहा है। वर्तमान में राज्य में संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 1.35 फीसद है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कुछ कम है। 90 फीसद मौत प्रदेश के चार मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में हुई हैं। वहीं, अन्य नौ जिले इस लिहाज से सुकून में हैं। चमोली और पिथौरागढ़ ऐसे दो जनपद हैं, जहां अभी तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। राज्य में पिछले दो सप्ताह से जिस तरह संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, वह चिंता का विषय है।
बता दें कि प्रदेश में 15 मार्च को कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद हर अंतराल पर संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती गई। शुरुआत में कम संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे, वहीं मौत का आंकड़ा भी बेहद कम था। पिछले तीन महीनों में न सिर्फ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा है, बल्कि मौत का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। अगस्त का पहला पखवाड़ा सब पर भारी पड़ रहा है। इस अवधि में तेजी से कोरोना के मरीज भी बढ़ रहे हैं और मरीजों की मृत्यु दर में भी लगातार इजाफा हो रहा है। अब तक 147 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें भी देहरादून जनपद में सर्वाधिक मरीजों ने दम तोड़ा है। उधर, संक्रमितों की संख्या पर गौर करें तो यह बोझ भी इन चार जिलों में ही ज्यादा बढ़ रहा है।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में राज्य में प्रवासियों के लौटने का सिलसिला शुरू हुआ तो पहाड़ में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे। यह सिलसिला अभी भी रुका नहीं है, लेकिन पहाड़ पर कोरोना की रफ्तार जरूर कम हो गई है। पिछले कुछ वक्त में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जनपद में ही सबसे ज्यादा मामले आए हैं। यानी शुरुआती दौर में भी यही जिले सबसे ज्यादा प्रभावित थे और अब भी हैं।