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    बागेश्वर से दस वर्ष में 5912 व्यक्तियों ने छोड़ा गांव

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 16 Dec 2020 07:05 AM (IST)

    बागेश्वर जिले में पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों ने पूर्ण रूप से स्थायी पलायन किया है। बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास और पलायन थामने को लेकर ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

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    बागेश्वर में पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों ने पूर्ण रूप से स्थायी पलायन किया है।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। बागेश्वर जिले में पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से 23388 व्यक्तियों ने अस्थायी रूप से पलायन किया, जबकि 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों ने पूर्ण रूप से स्थायी पलायन किया है। बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास और पलायन थामने को लेकर ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। आंकड़े दर्शाते हैं कि यहां से स्थायी की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। जिले में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 100117 रुपये है।

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    आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी के अनुसार बागेश्वर जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं। इसे देखते हुए आयोग की रिपोर्ट में मुख्य रूप से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाने, कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों की संख्या बढ़ाने, दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी और पनीर, घी जैसे दुग्ध उत्पाद बनाने से संबंधित प्रशिक्षण पर जोर दिया गया है। साथ ही दुग्ध समितियों की सक्रियता बढ़ाने और दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र खोलने का सुझाव दिया गया है।

    रिपोर्ट में बागेश्वर जिले में होम स्टे की संख्या बढ़ाने, पर्यटक स्थलों में ईको टूरिज्म की गतिविधियां शुरू करने, पर्यटन से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाने, उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित करने, मनरेगा में समान अवसर व भागीदारी सुनिश्चित कर महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बनाए रखने, वन्यजीवों से फसल सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने, ग्राम पंचायतों में नर्सरियां स्थापित करने, औषधीय एवं सगंध खेती के साथ ही कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने, जिले में चाय उत्पादन का क्षेत्रफल बढ़ाने समेत अन्य कई सुझाव दिए गए हैं।

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