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    548 सांसदों को इस साल नहीं मिली निधि, जानिए वजह

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Fri, 23 Nov 2018 06:47 PM (IST)

    देश में 548 सांसदों में से किसी को भी वर्ष 2018 और 19 की निधि की एक भी किश्त जारी नहीं की जा सकी है।

    548 सांसदों को इस साल नहीं मिली निधि, जानिए वजह

    देहरादून, जेएनएन। सांसदों का कार्यकाल समाप्त होने को कुछ ही महीने बचे हैं और देश में 548 सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा सदस्य) में से किसी को भी वर्ष 2018-19 की निधि की एक भी किश्त जारी नहीं की जा सकी है। इसकी बड़ी वजह यह कि वह पिछले कार्यों का उपयोगिता प्रमाण पत्र दे ही नहीं पाए हैं, जिस कारण उन्हें सांसद निधि की अगली किश्त जारी नहीं की जा रही।

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    पिछले वर्षों की निधि की भी बात करें तो सिर्फ 209 सांसदों में 10 में से आठ किश्ते हीं मिल पाई हैं। यानी इन सांसदों की भी पिछले वर्षों की दो किश्त अभी बाकी है। आरटीआइ कार्यकर्ता व अधिवक्ता नदीमउद्दीन की ओर से आरटीआइ में मांगी गई जानकारी में यह बात निकलकर समाने आई। 

    सांसद निधि जारी करने वाले नोडल मंत्रालय 'सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन' से प्राप्त सितंबर माह तक के आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक 80 फीसद सांसद निधि प्राप्त करने वालों में हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम व नागालैंड शामिल हैं। जबकि 58 फीसद सांसद निधि प्राप्त करने में उत्तराखंड का स्थान 17वां है। जिन 209 सांसदों को पिछले वित्तीय वर्षों की सर्वाधिक आठ किश्तें जारी की जा चुकी हैं, उनमें उत्तराखंड से एकामात्र नैनीताल लोकसभा क्षेत्र के सांसद भगत सिंह कोश्यारी हैं। 

    वहीं, इसके बाद सर्वाधिक सात किश्तें जारी होने की सूची में हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का नाम है। देश में एक सांसद ऐसे भी हैं, जिन्हें अब तक सिर्फ एक ही किश्त जारी हो पाई है। 

    सांसद निधि जारी होने की स्थिति 

    77 फीसद, छत्तीसगढ़ व पंजाब। 

    76 फीसद, हरियाणा, मध्य प्रदेश। 

    74 फीसद, तमिलनाडु। 

    72 फीसद, गुजरात। 

    71 फीसद, उड़ीसा। 

    70 फीसद, पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, सिक्किम, उत्तर प्रदेश। 

    69 फीसद, असम। 

    67 फीसद, राजस्थान। 

    66 फीसद, केरल 

    65 फीसद, बिहार 

    64 फीसद, महाराष्ट्र व कर्नाटक। 

    63 फीसद, झारखंड। 

    60 फीसद, पॉण्डिचेरी। 

    59 फीसद, आंध्र प्रदेश। 

    58 फीसद, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना। 

    56 फीसद, उत्तराखंड। 

    50 फीसद, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, त्रिपुरा। 

    45 फीसद, गोवा। 

    39 फीसद, दिल्ली। 

    उत्तराखंड के सांसदों की स्थिति 

    पांच किश्त जारी, टिहरी सांसद राज्य लक्ष्मी शाह। 

    चार किश्त, पौड़ी सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी (रिटा.), अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा। 

    इन्हें अब तक दो ही किश्त जारी 

    त्रिपुरा के जितेंद्र चौधरी व आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी। 

    ये प्राप्त कर पाए एक ही किश्त 

    बिहार के सरना से सांसद राजीव प्रताप रूडी। 

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