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    राष्ट्रीय विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदर्शनी में बाल वैज्ञानिकों ने जल प्रबंधन के लिए रखी सोच

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 29 Apr 2019 12:32 PM (IST)

    देहरादून में 46वीं केवीएस जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदर्शनी के दूसरे दिन जल प्रबंधन पर बनाए मॉडल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।

    राष्ट्रीय विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदर्शनी में बाल वैज्ञानिकों ने जल प्रबंधन के लिए रखी सोच

    देहरादून, जेएनएन। 46वीं केवीएस जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदर्शनी के दूसरे दिन जल प्रबंधन पर बनाए मॉडल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। बाल वैज्ञानिकों ने वर्षा के जल संचय व जल का दुरुपयोग रोक संग्रह के लिए कई मॉडल प्रस्तुत किए। इनमें तकनीक का भी बेहतर समावेश दिखा।

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    रविवार को कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न राज्यों से आई टीमों के बीच प्रश्न मंच से हुई। इसमें विज्ञान एवं पर्यावरण से जुड़े प्रश्न पूछे गए, जिसमें बाल वैज्ञानिकों ने गजब की बुद्धिमत्ता का परिचय दिया। इसके बाद जल प्रबंधन विषय पर हुई पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने जल संचय पर कार्ययोजना प्रस्तुत की। इसमें ऐसी तकनीक साझा की गई, जिसके माध्यम से आम आदमी भी बेहद सरलता से जल संचय कर सकता है। वहीं, इसके बाद जल प्रबंधन पर मॉडल भी प्रस्तुत किए गए।

    मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एमके गोयल ने कहा कि धरती में पेयजल का स्तर लगातार घट रहा है, जबकि आबादी बढ़ रही है।

    भविष्य में जल संकट जैसे हालात पैदा होने की संभावना है। इससे निजात पाने के लिए हर व्यक्ति को जल संरक्षण की दिशा में योगदान देना होगा। पर्यवेक्षक एवं केवि आइटीबीपी की प्राचार्य मिकी खुल्बे ने व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस अवसर पर केवीएस सहायक आयुक्त अल्का गुप्ता, प्राचार्य केवी ओएनजीसी डॉ. अंशुम शर्मा व कई अन्य उपस्थित रहे।

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