Move to Jagran APP

सरहदों की निगहबानी को तैयार युवा अफसरों की टोली, सेना प्रमुख लेंगे आइएमए परेड की सलामी

देश की सरहदों की निगहबानी के लिए तैयार आत्मविश्वास से लबरेज भावी अफ़सरों ने जोरदार कदमताल की। आइएमए के कमान्डेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने परेड की सलामी ली।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 06:11 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 09:23 PM (IST)
सरहदों की निगहबानी को तैयार युवा अफसरों की टोली, सेना प्रमुख लेंगे आइएमए परेड की सलामी
सरहदों की निगहबानी को तैयार युवा अफसरों की टोली, सेना प्रमुख लेंगे आइएमए परेड की सलामी

देहरादून, जेएनएन। भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड से पहले गुरुवार को आइएमए में कमांडेंट परेड का आयोजन हुआ। देश की सरहदों की निगहबानी के लिए तैयार आत्मविश्वास से लबरेज भावी अफ़सरों ने जोरदार कदमताल की। आइएमए के कमान्डेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने परेड की सलामी ली। इस बार सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर (निरीक्षण अधिकारी) परेड की सलामी लेंगे। 

loksabha election banner

भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से शनिवार को 423 कैडेट पास आउट होंगे, जिसमें 333 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि अन्य 90 विदेशी कैडेट हैं। इन कैडेट्स ने गुरुवार को कमान्डेंट परेड में कदमताल की। कमान्डेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने कैडेटों में जोश भरते कहा कि सेना की प्रतिष्ठा अब उनके कंधों पर है। सैन्य अफसर बनने की राह पर अग्रसर कैडेटों ने कड़ी मेहनत के बूते यह सम्मान हासिल किया है। वह सेना के मूल सिद्धांत चरित्र, साम‌र्थ्य, प्रतिबद्धता और करुणा के जरिये इसे बनाए रखें। उच्च आदर्श व उत्कृष्टता उनके कार्यो में प्रतिबिंबित होने चाहिए। सैन्य जीवन में आने वाली चुनौतियों को पार करने की सीख भी उन्होंने दी।

कमान्डेंट ने कहा कि अंतिम पग भरते ही कैडेट भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे। देश की उम्मीदें उन पर टिकी हैं। ऐसे में देश के मान-सम्मान को आंच न आए यह उनकी पहली जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि एक सैन्य अफसर की अपने हरेक जवान के प्रति भी जिम्मेदारी बनती है। उसके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें।

यह विश्वास पेशेवर क्षमता, साहस, दृढ़ता, आचरण और सरोकार के जरिये आएगा। अपने जवानों को समझना और उनकी ताकत व कमजोरियों को पहचानना एक सतत प्रक्रिया है। मानव संसाधन का यह प्रबंधकीय कौशल अनुभव से ही आएगा। यह समग्र विकास आपको आने वाले समय में बड़े सैन्य दस्ते को समझने और कमान करने में सक्षम करेगा। 

विदेशी कैडेट्स को उन्होंने प्रशिक्षण में सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए बधाई दी। कमान्डेंट ने कहा कि यहां न केवल उन्होंने जीवनभर के लिए दोस्त बनाए हैं, बल्कि अपने देश का भी बहुत अच्छे ढंग से प्रतिनिधित्व किया। कड़े प्रशिक्षण से गुजरकर अब वह अपने देश की सेना का हिस्सा बनने को तैयार हैं। आइएमए में विकसित एकजुटता का यह भाव दुनिया के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और उनसे निपटने में कारगर सिद्ध होगा।

यह भी पढ़ें: आइएमए कैडेटों को मिला काबिलियत का इनाम, सैन्य अफसर बनने से हैं महज कुछ कदम दूर

सेना प्रमुख लेंगे आइएमए परेड की सलामी

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड (पीओपी) शनिवार को होगी। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार परेड देखने न ही जेंटलमैन कैडेटों के परिजन आ रहे हैं और ना ही देश-विदेश के तमाम गणमान्य। सेना के भी चुनिंदा अधिकारी अकादमी पहुंच रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर (निरीक्षण अधिकारी) परेड की सलामी लेंगे। सेना प्रमुख बनने के बाद वह पहली मर्तबा आइएमए पहुंच रहे हैं। शुक्रवार अपराह्न को सेना प्रमुख देहरादून स्थित अकादमी पहुंच जाएंगे। बता दें, भारतीय सैन्य अकादमी में प्रतिवर्ष जून व दिसंबर में पासिंग आउट परेड आयोजित की जाती है। अकादमी के स्थापना से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है। निरीक्षण अधिकारी के तौर पर भारत या अन्य मित्र देशों के राष्ट्रपति/राष्ट्राध्यक्ष, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री या फिर सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख अकादमी पहुंचते रहे हैं।

यह भी पढ़ें: कोरोना ने बदली भारतीय सैन्य अकादमी की परम्पराएं, पीओपी के बाद नए युवा अफसरों को नहीं मिलेगी छुट्टी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.