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रोडवेज की बस में धक्के खाते दिल्ली तक पहुंचे 34 यात्री, पांच टायर पर दौड़ी बस

देहरादून से निकली रोडवेज की बस का करनाल में पहुंच गियर बक्सा टूट गया। लंबे इंतजार के बाद दूसरी बस में खड़े होकर यात्री रवाना तो हुए मगर यह बस भी दिल्ली की सीमा पर खराब हो गई।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 01:23 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 08:56 PM (IST)
रोडवेज की बस में धक्के खाते दिल्ली तक पहुंचे 34 यात्री, पांच टायर पर दौड़ी बस
रोडवेज की बस में धक्के खाते दिल्ली तक पहुंचे 34 यात्री, पांच टायर पर दौड़ी बस

देहरादून, जेएनएन। एक तो करेला, ऊपर से नीम चढ़ा। उत्तराखंड रोडवेज की बस से दिल्ली जा रहे 34 यात्रियों पर यह कहावत सटीक बैठ रही है। दरअसल, कांवड़ यात्रा के चलते पहले ही रास्ता करीब 70 किमी लंबा हो गया है, ऊपर से रोडवेज की खटारा बसें। देहरादून से निकली बस का करनाल में पहुंच गियर बक्सा टूट गया। लंबे इंतजार के बाद दूसरी बस में खड़े होकर यात्री रवाना तो हुए मगर यह बस भी दिल्ली की सीमा पर खराब हो गई। 

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देहरादून से ग्रामीण डिपो की एक साधारण बस यूके07पीए-1158 बुधवार को 34 यात्रियों को लेकर आइएसबीटी से दिल्ली के लिए चली। कांवड़ यात्रा के चलते बसें पांवटा साहिब-यमुनानगर-करनाल-पानीपत होकर दिल्ली जा रही हैं। बेहद पुरानी और जर्जर स्थिति वाली बस करनाल में बाइपास पर पहुंच खराब हो गई।

स्थानीय मिस्त्री को बुलाया गया तो उसने बताया कि गियर का बक्सा टूट गया है। इस पर परिचालक द्वारा डिपो एजीएम को सूचना दी गई। एजीएम ने पीछे से आने वाली दूसरी बस में यात्रियों को शिफ्ट करने को कहा। करीब एक घंटे बाद दूसरी बस आई, लेकिन उसमें आधी से ज्यादा सीटें भरी हुई थी। 

ऐसे में यात्रियों ने खड़े होकर बस में सफर किया, लेकिन यह बस भी दिल्ली की सीमा पर खराब हो गई। जैसे-तैसे चालक-परिचालक ने बस ठीक की और धीरे-धीरे दिल्ली आइएसबीटी तक ले गए। यात्रियों ने निगम मुख्यालय में भी फोन कर इसकी शिकायत दर्ज कराई। 

परिचालकों की आ रही मुसीबत

एक तरफ रोडवेज बीमार बसों को लंबे मार्गों पर दौड़ाए जा रहा, दूसरी तरफ मार्ग में बस खराब होने पर चालक-परिचालकों की मुसीबत आ रही। यात्री किराया वापस लेने की जिद पर अड़ रहे, जबकि रोडवेज में ऐसा प्रावधान नहीं। प्रावधान के अंतर्गत ऐसी स्थिति में रोडवेज की दूसरी बस सेवा उपलब्ध कराई जाती है। 

दूसरी बस के आने में इंतजार करते परेशान यात्री परिचालकों से भिड़ रहे। करनाल में भी यही हुआ। यात्रियों ने परिचालक से हाथापाई व उसके कपड़े फाड़ने का का प्रयास किया। इस बारे में एजीएम से शिकायत की गई है। 

40 किलोमीटर तक पांच पहिये में दौड़ी बस

उत्तराखंड परिवहन निगम देहरादून डिपो के अंतर्गत अनुबंधित बसें किस तरह से यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसका उदाहरण देहरादून ऋषिकेश रूट पर देखा जा सकता है। ऋषिकेश से छह किलोमीटर आगे एक बस का पिछला पहिया निकल गया। चालक परिचालक को इसकी भनक तक नहीं लगी। यात्रियों से भरी बस 40 किलोमीटर का सफर कर पांच पहियों में देहरादून पहुंच गई। अगर इस बीच हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता। इस मामले में मंडलीय प्रबंधक ने एआरएम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

उत्तराखंड परिवहन निगम देहरादून डिपो के अंतर्गत ऋषिकेश और देहरादून के बीच जवाहरलाल नेहरू रूरल अर्बन मिशन के अंतर्गत संचालित अनुबंधित 12 बसों का प्रतिदिन संचालन होता है। प्रति बस एक दिन में आठ चक्कर लगाती है। 32 सीटर इन बसों में जल्दी से जल्दी अपने चक्कर पूरे करने की होड़ लगी रहती है। इसमें चालक यह नहीं देखते हैं कि बस में कितनी सवारी है। चक्कर लगाने की होड़ में इन बसों का स्टाफ यात्रियों की जान से भी खेलने से गुरेज नहीं करता है। 

ऋषिकेश स्थित बस टर्मिनल कंपाउंड से रोडवेज की अनुबंधित बस यूके 07 पी ए 3482 सुबह 10:45 बजे रवाना हुई। ऋषिकेश से छह किलोमीटर आगे देहरादून रोड काली मंदिर मोड़ के पास इस बस का बायां पिछला टायर निकला और लुढ़क कर सड़क के किनारे जा गिरा। इस बस के पीछे ऋषिकेश निवासी कुछ लोगों की कार चल रही थी। ऋषिकेश आशुतोष नगर निवासी जयंत जोशी ने इस बस को हॉरन और लाइट सिग्नल देकर रुकने के लिए कहा। बस चालक ने शायद यही समझा कि पिछली कार साइड मांग रही है। चालक ने बस और तेज दौड़ा दी। 

जयंत जोशी ने बताया कि तेज गति से यह बस आगे बढ़ गई। पहिया निकलने के बाद करीब 40 किलोमीटर का सफर तय करते हुए बस आइएसबीटी देहरादून पहुंच गई। छह पहिया यह बस पांच पहियों के सहारे चलती रही। बड़ी लापरवाही यह है कि बस का टायर पंचर होने पर चालक परिचालक को आभास हो जाता है। मगर बस का एक पहिया निकलने के बाद भी चालक परिचालक बेखबर बने रहे यह उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। इससे समझा जा सकता है कि यात्रियों की सुरक्षा के प्रति बस चालक कितने गंभीर हैं। 

पीछे चल रही कार में सवार युवकों इस वाकये की मोबाइल से फोटो के साथ वीडियो भी बनाई। जब यह वीडियो उत्तराखंड परिवहन निगम के मंडल मुख्यालय पहुंची तो अधिकारी भी यह सब देख कर सकते में पड़ गए। 

बेहद गंभीर लापरवाही 

उत्तराखंड परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक पवन मेहरा के मुताबिक, यह जेएनएनयूआरएम की अनुबंधित बस ऋषिकेश रूट पर चलती है। वास्तव में यह बहुत बड़ी लापरवाही है। इस मामले में एआरएम देहरादून को निर्देशित किया गया है कि वह बस मालिक से बात कर चालक के खिलाफ कार्रवाई करें।

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