फेसबुक पर भेल के रिटायर्ड महाप्रबंधक को फंसाया जाल में, हड़पे 21 लाख रुपये
साइबर ठगों ने फेसबुक पर विदेशी महिला बनकर भेल के रिटायर्ड महाप्रबंधक से संपर्क साधा और 21 लाख रुपये ठग लिए।
हरिद्वार, जेएनएन। साइबर ठगों ने भेल के एक रिटायर्ड महाप्रबंधक को ठगी का शिकार बनाते हुए 21 लाख रुपये हड़प लिए। साइबर ठगों ने फेसबुक पर विदेशी महिला बनकर रिटायर्ड महाप्रबंधक से संपर्क साधा और भारत में चैरिटी करने का झांसा दिया। मनी लांड्रिंग में फंसाने का डर दिखाते हुए उनसे 21 लाख रुपये की रकम हड़प ली गई। सिडकुल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, भेल महाप्रबंधक पद से रिटायर्ड एनजी श्रीवास्तव सिडकुल रोशनाबाद के दीप गंगा अपार्टमेंट में रहते हैं। कुछ दिन पहले फेसबुक पर उनका संपर्क कथित रूप से बेल्जियम निवासी सेलिना वाल्टर से हुआ। बातचीत के दौरान सेलिना ने बताया कि वह भारत में गरीब व बेघर बच्चों की मदद करना चाहती है। एनजी श्रीवास्तव को लगा कि महिला वास्तव में गरीब बच्चों की मदद की इच्छुक है।
बातचीत के दौरान उन्होंने अपने घर का पता व अन्य जानकारी सेलिना को दे दी। जिसके बाद सेलिना ने उन्हें एक बॉक्स में बच्चों को बांटने के लिए कपड़े भेजने की जानकारी दी। विश्वास दिलाने के लिए एक इंटरनेशनल कूरियर कंपनी की रसीद भी भेजी गई। सेलिना ने उन्हें बताया कि कपड़ों के बीच उसने कुछ यूरा डॉलर भी छिपाए हैं। जिनसे चैरिटी के बाकी काम किए जा सकते हैं। इसके बाद एनजी श्रीवास्तव के मोबाइल पर अंजान नंबर से एक कॉल आई।
कॉल करने वाले शख्स ने खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताया। उसका कहना था कि बेल्जियम से भेजे गए बॉक्स में यूरो डॉलर मिले हैं। इसलिए उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई की जाएगी। उसकी बात सुनकर एनजी श्रीवास्तव घबरा गए और उन्होंने बचने का उपाय पूछा। तब उसने बताया कि कस्टम फीस जमा कर प्रवर्तन निदेशालय से एनओसी लेनी होगी। झांसे में आए रिटायर्ड महाप्रबंधक ने कस्टम फीस के नाम पर 21 लाख 45 हजार रुपये एक बैंक खाते में जमा करा दिए।
जिसके बाद फेसबुक पर बातचीत करने वाली विदेशी महिला और कस्टम अधिकारी बनकर कॉल करने वाले शख्स से उनका संपर्क नहीं हो सका। ठगी का अहसास होने पर सिडकुल थानाध्यक्ष देवराज शर्मा को उन्होंने पूरी कहानी बताई। आला अधिकारियों के निर्देश पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। साइबर ठगों ने कहां बैठकर, कैसे ठगी की है, इस बारे में बारीकी से छानबीन की जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।