चरस तस्कर को अदालत ने सुनाई 20 साल के कठोर कारावास की सजा Dehradun News
विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट सुबीर कुमार की अदालत ने चरस तस्कर को 20 साल कठोर कारावास और दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
देहरादून, जेएनएन। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट सुबीर कुमार की अदालत ने चरस तस्कर को 20 साल कठोर कारावास और दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को तीन वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। वह चरस तस्करी के एक अन्य मामले में पहले ही 15 साल की सजा भुगत रहा है। अब दोनों सजा साथ-साथ चलेंगी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मनोज शर्मा के अनुसार 21 मई 2015 को विकासनगर कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि नगर पालिका के सामने रहने वाला विश्व कुमार गर्ग त्यूणी से नशे की बड़ी खेप लेकर अपने घर जा रहा है।
तत्कालीन विकासनगर कोतवाली प्रभारी एएसपी तृप्ति भट्ट ने पुलिस टीम के साथ घेराबंदी कर मंडी चौक के पास उसे पकड़ लिया। विश्व कुमार के पास एक थैला था, जिसमें सात किलो 50 ग्राम चरस बरामद हुई। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया।
जांच में पता चला कि विश्व कुमार को इससे पहले वर्ष 2012 में भी विकासनगर में ही नशे की खेप के साथ पकड़ा गया था। जेल से छूटने के बाद वह फिर नशा तस्करी करने लगा। इस मामले में वर्ष 2018 में उसे न्यायालय ने 15 साल की सजा सुनाई थी। जो फिलहाल वह जेल में भुगत रहा था।
खुद को हृदय रोग से पीड़ित बताया
दोषी विश्व कुमार गर्ग ने अदालत में सुनवाई के दौरान हृदय रोग से पीड़ित होने की बात कही थी। वह बीमार होने का कोई मेडिकल प्रपत्र दाखिल नहीं कर सका। इस कारण कोर्ट ने उसे कोई रियायत नहीं दी।
यह भी पढ़ें: एसटीएफ ने स्मैक तस्कर को किया गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज Haridwar News
देश के विरुद्ध अपराध है नशीले पदार्थों का व्यापार
फैसला सुनाते वक्त न्यायाधीश सुबीर कुमार ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अवैध नशीले पदार्थों का व्यापार विशेषकर युवा पीढ़ी और देश के सामाजिक ताने-बाने के विरुद्ध अपराध है। युवा पीढ़ी को सही मार्ग से भटकाकर नशे का आदी बनाना ही ऐसे आरोपितों का लक्ष्य प्रतीत होता है। आज के बालक और युवाओं को नैतिक व मानसिक रूप से कमजोर करते हुए नशे का आदी बना दिया जाए तो देश का भविष्य भी बर्बाद हो जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।