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    नए एमवी एक्ट का खौफ, 11 दिन में बिके 20 हजार हेलमेट Dehradun News

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 12 Sep 2019 01:42 PM (IST)

    मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने के कड़े नियम होने के बाद नियमों को तोड़ने वालों में खलबली मची है। यही कारण है कि दून शहर में बीते 11 दिन में लगभग 20 हजार हेलमेट खरीदे जा चुके हैं।

    नए एमवी एक्ट का खौफ, 11 दिन में बिके 20 हजार हेलमेट Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने के कड़े नियम होने के बाद उन सभी में खलबली मची है जो तब तक नियम तोड़कर सड़क पर वाहन दौड़ा रहे थे। चाहे प्रदूषण चेक कराए बिना वाहन चलाना हो, बिना बीमा वाहन चलाना या बिना हेलमेट व बिना सीट-बेल्ट लगाए वाहन चलाना। यही वजह है कि हर जगह लाइनें लगी हुई हैं। प्रदूषण जांच केंद्र हो या बीमा आफिस। हेलमेट को लेकर तो दुकान पर जमकर भाव-तोल हो रहा।

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    हेलमेट की बिक्री पर गौर करें तो अनुमान के तहत दून शहर में बीते 11 दिन में लगभग 20 हजार हेलमेट खरीदे जा चुके हैं। हेलमेट की सामान्य दिनों में हो रही बिक्री में पैंसठ फीसद तक वृद्धि हुई है। इसमें ब्रांडेड हेलमेट बेच रहे दुकानदारों के बजाए बिना ब्रांड के हेलमेट बेचने वालों की जमकर चांदी कट रही। 

    मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के बाद हेलमेट के बिना दुपहिया संचालन पर जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया है। इतना ही नहीं अब दुपहिया पर दोनों सवारी के लिए हेलमेट पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है। हेलमेट पहनने की अनिवार्यता तो एमवी एक्ट में पहले भी थी, मगर जुर्माना महज 100 रुपये होने के कारण लोगों में खौफ नहीं था। अब जुर्माना दस गुना बढ़ा तो लोगों में कानून का खौफ भी बढ़ गया है। लिहाजा, लोग हेलमेट की खरीददारी के लिए दौड़ लगा रहे हैं। 

    ..तो सिर्फ चालान से बचना मकसद

    पटेलनगर स्थित आनंद ऑटो सेंटर के मालिक राजेंद्र सिंह ने बताया कि नियमों में बदलाव आने पर लोग जागरूक तो हो रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों का मकसद सिर्फ और सिर्फ चालान से बचना है। ऐसे लोग ब्रांडेड नहीं, बल्कि काम चलाऊ हेलमेट को खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब एक सिंतबर से मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए बदलाव लागू हुए उसके बाद उनके यहां हेलमेट की बिक्री में करीब 50 फीसद का इजाफा हुआ है। 

    आइएसआइ मार्क ही खरीदें

    राजपुर रोड स्थित गुलशन ऑटो पार्ट्स के मालिक कमल बत्रा ने बताया कि उनके यहां जो ग्राहक आ रहे, वे आइएसआइ के मार्क वाला हेलमेट ही खरीद रहें। बत्रा के मुताबिक यूं तो हेलमेट की कीमत ढाई सौ रुपये से भी शुरू होती है, लेकिन गुणवत्ता का कोई भरोसा नहीं। ब्रांडेड कंपनियों एवं आइएसआइ अप्रूव हेलमेट आठ सौ रुपये से शुरू होते हैं और उसके बाद अपनी जेब के अनुसार रेंज तक जाते हैं। 

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    मानक के अनरूप हेलमेट न हुआ तो होगा चालान 

    एआरटीओ अरविंद कुमार पांडेय के अनुसार, सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट खरीदने वाले ये भी समझ लें कि वे केवल नियम ही नहीं तोड़ रहे बल्कि अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे। आइएसआई मार्क के अलावा कोई भी हेलमेट सुरक्षा नियमों के तहत मान्य नहीं है। ऐसे लोग चेकिंग में रोके गए, तब भी चालान निश्चित ही किया जाएगा। लिहाजा, सुरक्षा का ख्याल रखें व मानकों के अनुसार हेलमेट लें।

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