Uttarakhand Weather: मसूरी में सीजन का पहला हिमपात, नैनीताल की पहाड़ियां भी बर्फ से लकदक; पर्यटकों के चेहरे खिले
पर्यटन नगरी मसूरी समेत धनोल्टी बुराशंखण्डा कद्दूखाल सुरकण्डा काणाताल तथा नागटिब्बा में इस मौसम का दूसरा जोरदार हिमपात हुआ है। इससे पर्यटकों के चेहरे खिल गए।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का दौर दूसरे दिन भी जारी रहा। सीजन में पहली बार मूसरी में भी बर्फ की फुहारें गिरी, हालांकि बर्फ टिक नहीं पाई। यह सिलसिला करीब दस मिनट तक चला। वहीं, मसूरी के पास धनोल्टी, सुरकंडा, बुरांशखंडा और नैनीताल के आसपास की पहाडिय़ां बर्फ से लकदक हो गई हैं। इस बीच बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर के ऊंचाई वाले इलाकों में रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही।
भारी बर्फबारी से केदारनाथ में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। उत्तरकाशी में गंगा और यमुना घाटी के क्षेत्र भी बर्फ से पट चुके हैं। बर्फबारी से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। भारी बर्फबारी के कारण गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे बंद हैं। दो दर्जन संपर्क मार्गों पर भी आवाजाही ठप हो गई है। प्रदेश में करीब दो सौ गांव जिला मुख्यालयों से कट गए हैं।
शुक्रवार को सुबह से ही प्रदेश के मैदानी इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पहाड़ से मैदान तक सर्द हवा कंपकंपी छुड़ा रही है। केदारनाथ में करीब चार फीट बर्फ जमा है। इससे दूसरे दिन भी पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित रहे। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रही वुड स्टोन के प्रभारी देवेन्द्र बिष्ट ने बताया कि गौरीकुंड सेे केदारनाथ के बीच बिजली की तारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे बिजली गुल होने के साथ ही संचार व्यवस्थाएं भी प्रभावित हुई हैं। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता एसके सती ने बताया कि मौसम साफ होते ही जल्द विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी। उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में बर्फबारी से प्रभावित गांवों में बिजली गुल है। इसके अलावा कई इलाकों में पाइपलाइनों में पानी भी जम गया है।
दूसरी ओर पिथौरागढ़ में रातापानी से मुनस्यारी तक भारी हिमपात के बीच थल-मुनस्यारी और कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बंद हो गया है। शुक्रवार सुबह पिथौरागढ़ के पास सड़क निर्माण के दौरान चट्टान दरकने से पचास मीटर सड़क ध्वस्त हो गई। इससे पिथौरागढ़ जाने वाले सैकड़ों वाहन फंस गए। बाद में वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा गया। चम्पावत में अधिकतर विद्यालयों में प्री बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो सकीं।
जोशीमठ में 30 व मुक्तेश्वर में सात साल बाद दिसंबर में हिमपात
चमोली जिले के जोशीमठ में 30 साल बाद दिसंबर में बर्फबारी हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार इससे पहले वर्ष 1989 में हिमपात हुआ था। हालांकि राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने इसकी पुष्टि नहीं की। निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि वहां आब्जर्वेट्री नहीं है, ऐसे में इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। कुमाऊं के मुक्तेश्वर में भी वर्ष 2012 के बाद बाद दिसंबर में हिमपात हुआ है। वहीं चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भी चार साल बाद बर्फ पड़ी। मौसम में आए बदलाव से पारा भी रसातल की ओर है। शुक्रवार को प्रदेश में मुक्तेश्वर ही सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकार्ड किया गया। वहीं मसूरी में यह 1.3 और नई टिहरी में 0.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार दोपहर तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। इस दौरान 1100 मीटर की ऊंचाई तक के इलाकों में बर्फबारी की संभावना है।
आठ जिलों में स्कूलों में अवकाश
मौसम के मिजाज को देखते हुए प्रशासन ने देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली जिलों में एक से 12वीं तक के स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को भी प्रदेश के सात जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया था।
लड़खड़ाई हवाई सेवा
मौसम का असर हवाई सेवा पर भी पड़ा। देहरादून के पास जौलीग्रांट हवाई अड्डे के निदेशक डीके गौतम ने बताया कि मौसम की वजह से उड़ाने विलंब से रवाना हुईं, जबकि पिथौरागढ़ के लिए उड़ान रद करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि शनिवार के लिए अभी तक शेड्यूल में कोई परिवर्तन नहीं है।
शहर में पांच साल बाद दिसंबर में हुई बर्फबारी
नई टिहरी जिला मुख्यालय सहित जिले की ऊंचाई वाली पहाडिय़ों ने बर्फ की सफेद चार ओढ़ ली है। भारी बर्फबारी से चंबा-मसूरी मोटर मार्ग सहित आधा दर्जन मोटर मार्ग बाधित हो गए जिस कारण लोगों को दिक्कतों को का सामना करना पड़ा। वहीं घनसाली, जौनपुर क्षेत्र के कुछ जगहों पर बिजली भी गुल हो गई है। जबकि दूर संचार की बेस व मोबाइल सेवा भी प्रभावित हुई है। बर्फबारी के चलते नई टिहरी में अधिकतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। बारिश से कस्तल गांव में एक मकान की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
नई टिहरी शहर व आसपास के क्षेत्रों में पिछले पांच सालों में दिसंबर माह की शुरूआत में बर्फबारी नहीं हुई थी, लेकिन इस बार दिसंबर माह की शुरूआत में बर्फबारी हुई है। नई टिहरी में अभी तक जनवरी या फरवरी में ही बर्फबारी होती थी, इससे पहले सितंबर में जिले की ऊंचाई वाली पहाडिय़ों पर बर्फबारी हुई, जबकि शुक्रवार को नई टिहरी शहर के साथ ही पर्यटक स्थल काणाताल, धनोल्टी, कद्दूखाल, सुरकंडा, नागटिब्बा, प्रतापनगर, रानीचौरी की पहाडिय़ों में भारी बर्फबारी हुई है।
हालांकि बर्फबारी से लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ी हैं। धनोल्टी से आगे सड़क पर भारी हिमपात होने के कारण चंबा-मसूरी मोटर मार्ग भी बंद हो गया है जिस कारण इन क्षेत्रों में लोगों का आवागमन भी प्रभावित हो गया है। कुछ वाहन मार्ग में ही फंस गए है। इसके अलावा भिलंगना में घनसाली-अखोड़ी, हुलानाखाल-मतकुड़ी, घनसाली-चिरबिटिया व यात्रा मार्ग को जोडऩे वाला एलकेसी मोटर मार्ग भी बंद हो गए हैं। कई जगहों पर संपर्क मार्गों में बर्फबारी होने से ग्रामीणों का पैदल आवागमन भी प्रभावित हो गया है। बारिश व बर्फबारी के चलते भिलंगना के जखन्याली क्षेत्र सहित व जौनपुर क्षेत्र में कुछ जगहों पर विद्युत आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है। वहीं बीएसएनएल की मोबाइल व बेस फोन सेवा भी प्रभावित रही। सर्दी व बारिश को देखते हुए शुक्रवार को स्कूलों में भी अवकाश घोषित किया गया।