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    GST Protein Supplement: बाजार में बिकने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट पर देना होगा 18 फीसद जीएसटी

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 30 Sep 2021 09:50 AM (IST)

    बाजार में बिकने वाले तमाम तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट (प्रोटीन पाउडर विद विटामिन एंड मिनरल्स) पर अब 18 फीसद जीएसटी अदा किया जाएगा। अब तक यह बात सामने आ रही थी कि दून समेत उत्तराखंड के विभिन्न कारोबारी मनमर्जी से 12 व 18 फीसद कर अदा कर रहे थे।

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    अब‍ तक दून समेत उत्तराखंड के विभिन्न कारोबारी मनमर्जी से 12 व 18 फीसद कर अदा कर रहे थे।

    सुमन सेमवाल, देहरादून: GST Protein Supplement बाजार में बिकने वाले तमाम तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट (प्रोटीन पाउडर विद विटामिन एंड मिनरल्स) पर अब 18 फीसद जीएसटी अदा किया जाएगा। स्टेट जीएसटी की दलीलों पर सहमति व्यक्त करते हुए जीएसटी की एडवांस रूलिंग अथारिटी ने स्पष्ट किया कि प्रोटीन सप्लीमेंट पर 18 फीसद कर अदा किया जाएगा न कि विभिन्न फार्मा उत्पादों की तरह 12 फीसद। अब तक यह बात सामने आ रही थी कि दून समेत उत्तराखंड के विभिन्न कारोबारी मनमर्जी से 12 व 18 फीसद कर अदा कर रहे थे।

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    दून स्थित विंडलास बायोटेक लि. ने भी प्रोटीन सप्लीमेंट पर 12 फीसद जीएसटी की पैरवी करते हुए एडवांस रूलिंग अथारिटी के समक्ष पक्ष रखा था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की अथारिटी के वर्ष 2019 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वहां भी प्रोटीन सप्लीमेंट पर 12 फीसद कर को उचित माना गया है। साथ ही तर्क दिया कि उनकी कंपनी के प्रोटीन सप्लीमेंट 'प्रोटोविट्सÓ में अन्य सप्लीमेंट की तुलना में प्रोटीन की मात्रा कम है। विभिन्न चिकित्सक रोग निदान के लिए उनके सप्लीमेंट के उपयोग की सलाह देते हैं। लिहाजा, प्रोटोविट्स जैसे उत्पाद को 12 फीसद कर के दायरे में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रोटीन की उच्च मात्रा वाले सप्लीमेंट के लिए उपभोक्ता अधिक दाम चुकाते हैं, मगर उच्च जीएसटी से उनके उत्पाद का दाम बढ़ता है तो यह नुकसान का सौदा होगा।

    स्टेट जीएसटी ने नामी उत्पादों के उदाहरण रखे

    इस मामले में स्टेट जीएसटी की तरफ से पैरवी करते हुए उपायुक्त प्रीति मनराल ने कहा कि थ्रेप्टिन माइक्रोमिक्स पाउडर, कैल्सिमैक्स डी समेत विभिन्न नामी सप्लीमेंट उत्पादों की कंपनियां 18 फीसद जीएसटी अदा कर रही हैैं। इन उत्पादों में भी कई तरह के विटामिन व मिनरल्स मिश्रित रहते हैं। इन उत्पादों को भी चिकित्सक विभिन्न रोग निदान के लिए परामर्श में शामिल करते हैं। नियमों के मुताबिक ही यह कर वसूल किया जा रहा है। एडवांस रूलिंग अथारिटी के सदस्य अनुराग मिश्रा और सौरव कांत शुक्ला ने उपायुक्त प्रीति मनराल के तर्कों को उपयुक्त पाते हुए आदेश दिया कि विभिन्न तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट में 18 फीसद जीएसटी ही अदा किया जाएगा। हालांकि, आदेश से असंतुष्ट होने पर संबंधित पक्ष अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष 30 दिन के भीतर अपील कर सकते हैं।

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    विंडलास बायोटेक ने इस तरह कम प्रोटीन मात्रा का दिया हवाला

    उत्पाद, प्रोटीन की मात्रा (फीसद में)

    • प्रोटोविट्स (विंडलास), 16.67
    • प्रोटीनेक्स, 34
    • नेस्ले रिसोर्स, 45
    • हार्लिक्स प्रोटीन प्लस, 34
    • ममा प्रोटीनेक्स, 32
    • प्योर प्रोटीन, 64.10
    • फास्ट एंड अप व्हे, 78.95

    जीएसटी काउंसिल कर सकती है मंथन

    उत्तराखंड स्टेट जीएसटी के अधिकारियों की इस कवायद का संज्ञान जीएसटी काउंसिल ले सकती है। क्योंकि, हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था से इतर आदेश किए जाने के चलते यह सवाल भी उठता है कि कर की इस केंद्रीयकृत व्यवस्था में इतना भेद क्यों है। अगर काउंसिल इस मामले का संज्ञान लेगी तो एडवांस रूलिंग अथारिटी को सुदृढ़ करने या सुव्यस्थित ढंग से निर्णय करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।

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