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    स्कूलों में सुधार के लिए मंत्री और अफसर ढीली करेंगे जेब

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 02 Jan 2018 10:54 PM (IST)

    शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी दूर करने के लिए एक अनोखी पहल की है। जिसके तहत मंत्री और अफसर इसके लिए अपना वेतन देंगे। ...और पढ़ें

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    स्कूलों में सुधार के लिए मंत्री और अफसर ढीली करेंगे जेब

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे सरकारी विद्यालयों में संसाधन जुटाने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अनूठी पहल की। शिक्षा मंत्री खुद और प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य समेत तमाम शिक्षा अधिकारी नए वर्ष में एक दिन का वेतन राज्य जन सहयोग शिक्षा कोष में जमा करेंगे। यह धनराशि विद्यालयों में फर्नीचर समेत मूलभूत जरूरतें पूरी करने में खर्च की जाएगी। यही नहीं, शिक्षा सचिव व अपर सचिव समेत सभी शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों के मुआयने के लिए ब्लॉक आवंटित करने के निर्देश शिक्षा मंत्री ने दिए हैं। 

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    सचिवालय में शिक्षा महकमे के कामकाज की समीक्षा करते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि विद्यालयों में सुविधाएं मुहैया कराने को मुहिम की शक्ल दी जाएगी। दरअसल, विद्यालयों में विकास कार्यों के लिए जन सहयोग लेने की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड जन सहयोग शिक्षा कोष का गठन किया गया है। कोष में सहयोग के लिए समाज को आगे आने की प्रेरणा देने के लिए अब महकमा खुद नजीर पेश करेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह खुद इस कोष में एक दिन का वेतन देंगे। 

    प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्यों से सहयोग लेने के लिए माध्यमिक शिक्षा अपर निदेशक रामकृष्ण उनियाल को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इससे तकरीबन एक-डेढ़ करोड़ की राशि प्राप्त होगी। विभागीय अधिकारियों के भी एक दिन का वेतन देने से जनता के बीच अच्छा संदेश जाएगा। विद्यालयों को सहयोग देने वाले व्यक्तियों की सूची शिक्षा मंत्री कार्यालय में भेजी जाएगी। कार्यालय मंत्री की ओर से संबंधित व्यक्ति को धन्यवाद पत्र भेजेगा। इसे सोशल मीडिया पर भी जारी किया जाएगा। विद्यालयों के सेवित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों व सम्मानित व्यक्तियों को समय-समय या राष्ट्रीय पर्वों पर आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। 

    शिक्षा मंत्री ने प्रत्येक सत्र में न्यूनतम 220 दिनों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सभी विद्यालयों में समान समय सारिणी लागू करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जयंती पर अवकाश न कर अंतिम दो वादनों में जयंती के उपलक्ष्य पर समारोह आयोजित किए जाने चाहिए। यह तय हुआ कि कक्षा 11 में अध्यापन कार्य एक अप्रैल से प्रारंभ किया जाएगा। शिक्षक संघों के चुनाव ग्रीष्मावकाश के प्रारंभिक अथवा आवश्यक दिवसों में कराए जाएंगे। अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक को शिक्षकों को स्वास्थ्य व सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए प्रेरित करने को आर्ट ऑफ लिविंग का प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए गए। 

    बैठक में विद्यालयों व शिक्षा महकमे के कार्यालयों में रियल टाइम उपस्थिति के लिए विकसित उज्जवल एप के परीक्षण के लिए हरिद्वार जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक माह तक अंगीकृत करने का निर्णय लिया गया। अन्य महत्वपूर्ण में निदेशालय एवं अन्य कार्यालयों में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य के लिए संबद्ध नहीं करने के निर्देश दिए गए। 

    विभागीय कार्य के लिए मानव संसाधन की कमी की प्रतिपूर्ति बाह्य स्रोत से करने के निर्देश दिए गए। कंप्यूटर अनुरक्षण में संग्रहीत धनराशि के आय-व्यय का परीक्षण करने व उक्त धनराशि कंप्यूटर व संबंधित उपकरणों के अनुरक्षण एवं खरीद के लिए इस्तेमाल करने के निर्देश भी दिए गए। 

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