कालू सिद्ध करते हैं हर मन्नत पूरी
संवाद सूत्र, डोईवाला : उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है। इसलिए इसे देवभूमि कहा गया है। उत्तराखंड धामों, सिद्ध पीठों व देवालयों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इन्हीं सिद्ध पीठों में से देहरादून के बडोवाला ग्राम सभा में स्थित श्री कालू सिद्ध मंदिर है। मान्यता है कि सच्चे हृदय से मांगी गई मुराद को बाबा पूरा करते हैं। आठ जून को प्रतिवर्ष मंदिर में वार्षिकोत्सव मनाया जाता है।
श्री कालू सिद्ध मंदिर ऋषिकेश-भानियावाला मार्ग के बीच से बडोवाला गांव को जाने वाले मार्ग पर स्थित है। शिवालिक के जंगलों के बीच बसे इस मंदिर की भानियावाला मार्ग से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर में पहुंचने के लिए डोईवाला से वाहनों की निरंतर सेवा है। मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय ने लोक कल्याण के लिए अपने चौरासी शिष्य बनाए तथा संपूर्ण शक्तियां प्रदान की। ये चौरासी शिष्य वर्तमान में चौरासी सिद्धों के नाम से जाने जाते हैं। जिसमें श्री कालू सिद्ध बाबा भी एक है। श्री कालू सिद्ध बाबा के मंदिर के ऊपर छत नहीं है। बाबा पक्की छत नहीं पसंद करते हैं। कई बार पूर्व में प्रयास किए गए लेकिन वह सफल नहीं हुए। आज से सौ वर्ष पूर्व मंदिर में भंडारे व किसी शुभ कार्य के लिए बाबा अदृश्य शक्ति के रूप में बर्तन उपलब्ध कराते थे। लेकिन इस दौरान किसी भक्त ने मंदिर में बर्तन झूठे छोड़ दिए। तब से बर्तन अदृश्य हो गए। आज उनके पवित्र स्थल पर मांगी गई मुराद पूरी होने पर भक्त भंडारा व पूजन भी करते रहते हैं।
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चढ़ता है गुड़ का प्रसाद
मंदिर के महंत पं. उमेश शर्मा ने बताया कि इस सिद्ध पीठ में सच्चे हृदय से मांगी गई इच्छा बाबा पूरी करते हैं। यहां पर प्रसाद के रूप में गुड़ की भेली चढ़ाई जाती है। उन्होंने बताया कि मंदिर के पास बिना बोरिंग का फव्वारा भी है। पं. देवेश कुमार शर्मा व पं. योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि रविवार को मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा जिसमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व आसपास से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।
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