नाता रोटी-बेटी का, मगर कमजोर पड़ी संचार की डोर; फिर दो दशक पुराने दौर में पहुंचा नेपाल
नेपाल सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने से देश में बेचैनी है। विदेश में नौकरी कर रहे 70 लाख नेपाली युवाओं का परिवार से संपर्क टूट गया है। सोशल मीडिया उनके लिए परिवार से जुड़े रहने का सबसे सस्ता साधन था। अब लोग पुराने दौर की महंगी आईएसडी कॉल्स और चिट्ठियों को याद कर रहे हैं। व्यापारी और आम नागरिक भी परेशान हैं।

राजेंद्र सिंह मिताड़ी, जागरण खटीमा। नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस खबर से पूरे नेपाल में बेचैनी है और सीमा के इधर भारत में भी हलचल। इस प्रतिबंध के बाद नेपाल के लोग कैसा महसूस कर रहे हैं, इसे जानने के लिए हम खटीमा से चलकर नेपाल के कंचनपुर जिले के महेंद्रनगर और गड्डाचौकी आसपास के इलाकों में पहुंचे।
नेपाल पहुंचकर पाया कि इस प्रतिबंध से सचमुच लोगों में बेचैनी है। इसका असर सारे नेपाल में महसूस किया जा रहा है। नेपाल के गांवों में लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य विदेश में नौकरी या पढ़ाई कर रहा है। लोगों को पिछले कुछ सालों से विदेश में रह रहे अपनों को सुबह-शाम मोबाइल स्क्रीन पर देखने की आदत पड़ गई थी, जो अचानक टूट गई है।
आंकड़ों के मुताबिक करीब 70 लाख नेपाली युवा पढ़ाई या नौकरी के लिए विदेश में हैं। उनके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं, बल्कि परिवार और मातृभूमि से जुड़े रहने का सबसे किफायती व सुविधाजनक साधन है। वरिष्ठ नेपाली पत्रकार प्रल्हाद रिजाल, जतिन चंद, ललित कुमार का कहना है, यह निर्णय लाखों परिवारों की आत्मीयता पर सीधा प्रहार है। बच्चे बाहर हैं और घरवाले गांवों में। आज के समय में व्हाट्सएप या फेसबुक मैसेंजर के बिना संवाद अकल्पनीय है।
सोशल मीडिया से पहले के दौर में विदेश में रह रहे नेपाली अपनों की कुशलता चिट्ठियों या महंगी आईएसडी कॉल्स से ही पूछ पाते थे। चिट्ठी पहुंचने में हफ्तों लग जाते, जबकि आईएसडी कॉल पर कुछ मिनट की बातचीत जेब ढीली कर देती थी। लेकिन इस प्रतिबंध के बाद लोग फिर दो दशक पुराने दौर को याद कर रहे हैं।
महेंद्रनगर के गड्डा चौकी में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि सरकार के इस कदम से आमजन, व्यापारी, विद्यार्थियों व देश-विदेश में रहने वाले नेपाली नागरिकों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। सभी देश टेक्नोलॉजी को अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगे हुए है। वहीं हमारा देश इससे दूर जा रहा है। इनके बंद होने से नेपाल में एक व्यक्ति का दूसरे से संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
व्यापार पर भी इसका प्रतिकूल
नेपाल सरकार ने 26 प्लेटफार्मों को बंद किए जाने की घोषणा की है। इनके बंद होने से समस्या विकराल होने वाली है। देश के बाहर रहने वाले जो लोग इन प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने स्वजनों से जुड़े हुए है। बंद होने से उनका संपर्क प्रभावित हो जाएगा। नेपाल व भारत के बीच अधिकांश लोग फेसबुक, वाट्सअप से जुड़े होने के साथ व्यापार भी करते है। उनका व्यापार भी प्रभावित होगा। -पुष्कर भट्ट मीडिया कर्मी।
पहले भारत में कॉल करते थे, तो आइएसडी कॉल कर दोगुना पैसा देना पड़ता था। जबसे फेसबुक व व्हाट्सएप चला तो इससे देश-विदेश में कम पैसों में बात हो जाती थी। अब सरकार इन्हें बंद कर रही है। मेरा ट्रेवलिंग एजेंसी का व्यापार है, जो भारत से ही होता है। बातचीत का जरिया ये प्लेटफार्म ही थे। प्रतिबंध से हमारा उनका व्यापार भी प्रभावित होगा। सबके रोजगार पर असर पड़ेगा।- शिवनाथ।
नेपाल सरकार ने उनकी दो बहनों की शादी भारत में हुई है। वहाट्सएप के जरिए उनसे संपर्क बना रहता था, अब उनसे भी बात नहीं हो पा रही है। सरकार को अपना निर्णय वापस लेना चाहिए।-मनमोहन पंत।
नेपाल के अधिकांश लोग भारत में नौकरी व व्यवसाय करने जाते है। अपने स्वजनों से संपर्क के लिए ये बेहतर व सस्ते प्लेटफार्म थे। सरकार इनको बंद कर देश को पीछे धकेलने का काम कर रही है। हमारी सरकार से गुजारिश है कि वह ऐसा ना करें।- विजय पंत।
सरकार ने अपने कृत्य छिपाने के लिए ऐसा निर्णय लिया है। यह संविधान विरोधी है। इनमें से अधिकांश प्लेटफार्मों को पूर्व में अनुमति मिल चुकी है। सरकार के इस निर्णय का उनकी पार्टी पुरजोर विरोध करेगी।-अंबादत्त जोशी, नगर अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी।
नागरिकों के बीच इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात भी बताया जा रहा है। इस प्रतिबंध ने लाखों परिवारों को संवादविहीन कर दिया है और डिजिटल युग में लोगों को जबरन बीते जमाने की संचार व्यवस्था में धकेल दिया है। -पूरन चंद, सामाजिक कार्यकर्ता।
प्रतिबंधित प्लेटफार्म
फेसबुक, मैसेंजर, इंस्ट्राग्राम, यूट्यूब, वाटसएप, ट्विटर (एक्स), लिंक्डड्रन, स्नैपचैट, रिडिट, क्यूरा, पिन्ट्रेस्ट, डिस्कर्ड, सिग्नल, वीचैट, सोल, सम्ब्लर, क्लब हाउस, मास्टर डन, रम्बल, मिभिके, लाइन, इमो, जालो, हाम्रो पात्रो, थ्रेड, मि वी।
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