Navratri 2025: पूर्णागिरि धाम में रात के समय मां के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, प्रशासन ने पूरी की तैयारी
पूर्णागिरि धाम में नवरात्र मेला शुरू हो गया है जहां मंदिर को सुंदर ढंग से सजाया गया है। श्रद्धालु अब रात में भी माँ के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर समिति और प्रशासन ने सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। आज से श्रीमद् देवी भागवत कथा का भी आयोजन होगा। भारी बारिश से क्षतिग्रस्त रास्तों की मरम्मत की गई है और बिजली-पानी की व्यवस्था भी सुचारू कर दी गई है।

संवाद सहयोगी, जागरण, टनकपुर । पूर्णागिरि धाम में आज नवरात्र मेला शुरू हो जाएगा। मेले के लिए मंदिर को आकर्षक रूप से सजा दिया गया है। रात के समय भी श्रद्धालु पूर्णागिरि मां के दर्शन कर सकेंगे।
सोमवार से पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। प्रशासन और पूर्णागिरि मंदिर समिति ने सभी तैयारी पूरी कर ली है। मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बताया कि पहली नवरात्र से रात के वक्त भी देवी दर्शन हो सकेंगे। 21 जून से रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक देवी दर्शनों पर रोक लगाई गई थी।
अलबत्ता नवरात्र के दौरान रात में दर्शनों की इजाजत होगी। पहली नवरात्र को धाम के प्राचीन धूनी स्थल में श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ भी होगा। 11 दिन तक चलने वाली कथा का वाचन पंडित गिरीशानंद शास्त्री करेंगे। सितंबर माह में हुई भारी वर्षा से बाटनागाड़, हनुमान चट्टी सहित पूर्णागिरि धाम में जगह-जगह सड़क और रास्तों को हुए नुकसान हो गया था। इसके अलावा पेयजल, बिजली की लाइनों को भी काफी नुकसान पहुंचा था।
अलबत्ता तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया गया है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता लक्ष्मण सिंह सामंत ने बताया कि टनकपुर से भैरव मंदिर तक की सड़क को पूर तरह वाहनों की आवाजाही के लिए तैयार कर लिया गया है। मुख्य मंदिर तक के अधिकांश पैदल रास्तों की भी मरम्मत की जा चुकी है।
इधर ऊर्जा निगम ने बिजली आपूर्ति भी सुचारू कर दी है। अधिकांश जगह पेयजल आपूर्ति भी सुचारू हो गई है। तीन दर्जन हैंडपंपों को चालू कर दिया गया है। मेला क्षेत्र में एक टैंकर की व्यवस्था भी की गई है। पेयजल लाइनों को भी ठीक कर दिया गया है। ठुलीगाड़ और भैरव मंदिर के अलावा मुख्य मंदिर के पास काली मंदिर में पुलिस का बंदोबस्त रहेगा।
मां के डोले के साथ पूर्णागिरि को रवाना हुए श्रद्धालु
नवरात्र के एक दिन पूर्व से ही पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को डोले के साथ घसियारा मंडी से श्रद्धालु डोले के साथ पैदल पूर्णागिरि को रवाना हुए।
रामचंद्र ने बताया कि वह काफी समय से मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन के लिए पैदल ही परिवार और स्थानी लोगों के साथ जाते हैं। बताया कि वह रविवार की रात में ही पूर्णागिरि पहुंच जाएंगे। पहली नवरात्र की सुबह मां के दर्शन कर वापस लौटेंगे। डोले के साथ इंद्रा देवी, रेनूका, गंगा देवी, अरुण पाल, आकाश, रोहित आदि मौजूद रहे।
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