Updated: Thu, 02 Jan 2025 07:04 PM (IST)
Leopard Attack उत्तराखंड के टनकपुर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। गुलदार कुत्ते का पीछा करते हुए एक घर के अंदर घुस गया। वन विभाग की टीम घंटों की मशक्कत के बाद भी गुलदार को रेस्क्यू नहीं कर पाई है। वहीं गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने दरवाजे के आगे पिंजरा लगा दिया है।
संवाद सहयोगी, जागरण टनकपुर । Leopard Attack: टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूखीढांग क्षेत्र के एक गांव में कुत्ते का पीछा कर रहा गुलदार कुत्ते के साथ ही घर के अंदर घुस गया। जिसे घंटों की मशक्कत के बाद भी वन विभाग रेस्क्यू नहीं कर पाया।
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देर शाम तक विभाग की टीम गुलदार के पिंजरे में कैद होने की प्रतीक्षा करती रही। इस घटना के बाद क्षेत्र में दहशत पैदा हो गई है। मामला गुरुवार की सुबह का है। चौड़ाकोट गांव में लाल सिंह तड़के लघु शंका के लिए घर से बाहर आए थे। दरवाजा खोलते ही उनका पालतु श्वान भी उनके साथ घर से बाहर निकल गया। जैसे ही श्वान बाहर निकला पास ही मंडरा रहे गुलदार ने उसपर झपट्टा मार दिया।
कुत्ते का पीछा करते हुए गुलदार भी कमरे में जा घुसा
गुलदार से बचने के लिए कुत्ता तेजी से भागा और घर के भीतर घुस गया। कुत्ते का पीछा करते हुए गुलदार भी कमरे में जा घुसा। इस बीच लाल सिंह लघु शंका के बाद कमरे में घुसे तो रजाई ओढ़ाकर सो गए। घर में उनकी पत्नी भी थीं।
घर के भीतर कुत्ते के बार-बार भोंकने पर लाल सिंह कुत्ते को चुप कराने उठे तो भीतर गुलदार को देखते ही उनके पांवों की जमीन खिसक गई। उन्होंने पास में ही सोई अपनी पत्नी चंद्रावती को जगाया और दोनों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर शराबा सुनकर गुलदार ने घर के भाड़ (ऊपरी मंजिल) में छलांग लगा दी।
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सूखीढांग क्षेत्र के निवासी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष महेश चौड़ाकोटी ने बताया कि मामला गुरुवार की सुबह करीब चार बजे का है। बताया कि घर के अंदर गुलदार को देखते ही दोनों पति पत्नी आनन-फानन में कमरे से बाहर भाग गए।
समाचार लिखे जाने रेस्क्यू नहीं किया जा सका गुलदार
इधर मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रभागीय वनाधिकारी नवीन पंत भी मौके पर पहुंच गए जो रेस्क्यू अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। वन क्षेत्राधिकारी गुलजार हुसैन ने बताया कि गुलदार घर के अंदर भाड़ में घुसा हुआ है। उसे घर से बाहर निकालने की कवायद की जा रही है।
गुलदार के दुबकने के कारण उसे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका है। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने दरवाजे के आगे पिंजरा लगा दिया है। समाचार लिखे जाने तक शाम छह बजे यानि 14 घंटे बाद भी गुलदार को रेस्क्यू नहीं किया जा सका था।
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