उत्तराखंड में मलबा आने से हाईवे हुआ बंद, देर रात डीएम ने खुद थामी टॉर्च; संभाला मोर्चा
उत्तराखंड के चंपावत में टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण सात दिनों से बंद है जिससे यातायात बाधित है। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा लिया और जल्द राजमार्ग खोलने के निर्देश दिए। अन्य सड़कें भी बंद हैं और लगातार छुट्टियों से स्कूलों की परीक्षाएं प्रभावित हुई हैं। तापमान में भी वृद्धि दर्ज की गई है।

जागरण संवाददाता, चंपावत। टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) में स्वाला के पास 29 अगस्त को आया भूस्खलन सात दिन बाद भी नहीं हट पाया है। हाईवे की बंदी ने न केवल आम जनजीवन को मुश्किल में डाल दिया है, बल्कि सीमांत क्षेत्रों से संपर्क भी ठप हो गया है।
बुधवार देर रात जिलाधिकारी मनीष कुमार खुद मौके पर पहुंचे और अंधेरे में हाथ में टॉर्च लेकर सड़क बहाली में जुटी टीम का उत्साह बढ़ाया। डीएम टॉर्च की रोशनी से मशीन आपरेटरों को मार्ग दिखाते रहे। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर हाल में एनएच को जल्द खोलने की कार्रवाई की जाए।
बारिश के कारण शुरुआती दिनों में राहत कार्यों में बाधा आई, लेकिन बीते दो दिनों से मौसम साफ रहने के बावजूद अब तक हाईवे नहीं खुल सका है। डीएम ने स्पष्ट किया कि यातायात वैकल्पिक मार्गों से नहीं, बल्कि इसी राष्ट्रीय राजमार्ग से सुचारू होगा।
इस दौरान एडीएम जयवर्धन शर्मा, एनएच खंड के ईई दीपक जोशी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। जिले में सिर्फ टनकपुर-घाट एनएच ही नहीं, बल्कि गल्लागांव-देवली माफी, टनकपुर-जौलजीबी और रीठा-अमोड़ी सड़कें भी भूस्खलन के कारण बाधित हैं। प्रशासन की सक्रियता के बावजूद दुश्वारियां बरकरार हैं और स्वाला अब भी उम्मीदों के उजाले का इंतजार कर रहा है।
चंपावत में 24 डिग्री पार पहुंचा तापमान
पिछले दो दिनों से जिले में मौसम शुष्क हो चला है। कुछ जगह आंशिक बादल को छोड़ अधिकांश समय धूप खिली रह रही है। इससे तापमान में वृद्धि हो गई है। गुरुवार को जिला मुख्यालय का अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस रहा। पिछले दिनों हुई वर्षा के बाद दो सितंबर को अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।
लगातार छुट्टी से परीक्षाएं लटकी
रविवार 31 अगस्त से स्कूल बंद हैं। एक व दो सितंबर को भारी वर्षा की चेतावनी के चलते आंगनबाड़ी केंद्र व 12वीं तक के स्कूलों में अवकाश रहा। पिछले दो दिनों में वर्षा नहीं हुई है। एक व दो सितंबर को भारी वर्षा व मैदानी क्षेत्रों में जलभराव से डरे प्रशासन ने बुधवार रात 10:24 बजे गुरुवार का अवकाश घोषित कर दिया।
स्कूलों की ओर से अभिभावकों को मैसेज रात साढ़े दस बजे बाद पहुंचा। नगर के कई निजी स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं होनी थी। अवकाश की वजह से परीक्षा का शेड्यूल गड़बड़ा गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।