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    करवा चौथ पर बना विशेष योग, यहां जानें उत्‍तराखंड में चांद दिखने का शुभ समय और मौसम का पूर्वानुमान

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 05:15 PM (IST)

    मौसम विभाग के अनुसार, करवा चौथ पर मौसम खुशनुमा रहने की संभावना है। शाम 7:09 बजे से चांद के दर्शन हो सकेंगे। यह जानकारी व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे चांद देखने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। मौसम के अनुकूल रहने से त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा सकेगा।

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    मौसम खुशनुमा रहने पर शाम 7:09 बजे से हो सकेंगे 'चांद' के दर्शन। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, चंपावत । पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक करवाचौथ शुक्रवार को मनेगा। पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखने वाली सुहागिनों को इस दिन चंद्र दर्शन का इंतजार रहता है। छलनी से चांद को देखने के बाद व्रती महिलाएं अपने सुहाग को देखती हैं।

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    पत्नी को जल पिलाकर पति व्रत खोलता है। मौसम के लिहाज से देखें तो चंपावत में शुक्रवार को आमतौर पर मौसम शुष्क रहने वाला है। चंद्रोदय का समय शाम 7:09 बजे है। बादल नहीं रहने पर अधिकांश जगहों पर शाम 7:30 बजे तक चंद्रमा के दर्शन हो जाएंगे।

    कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत किया जाता है। सुहागिनों के लिए यह व्रत महाव्रत की तरह है। मान्यता है कि जो महिला ये व्रत करती है, उसे अखंड सौभाग्य मिलता है। इस बार करवाचौथ के दिन भगवान गणेश, चौथ माता, महालक्ष्मी के साथ ही शुक्र ग्रह की पूजा का शुभ योग बन रहा है।

    ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें शुक्रवार को दूध का दान करना चाहिए। करवाचौथ से पहले दिन बाजारों में रौनक रही। चंपावत, लोहाघाट, टनकपुर, बनबसा आदि में पूजा सामग्री खरीदने के साथ उपचार की सामग्री खरीदने का चलन रहा। शृंगार की दुकान, साड़ी व ज्वेलर्स के प्रतिष्ठानों पर भीड़ रही। लोहाघाट के व्यापारी रमेश चंद्र, प्रकाश सिंह ने बताया कि बाजार में उत्साह रहा।

    पूजा सामग्री की कीमत में वृद्धि

    लोहाघाट : करवाचौथ की पूजा में करवा, पूजा थाली, छलनी आदि की जरूरत होती है। यह सामान सस्ते व जीएसटी रहित होते हैं। लोहाघाट में स्टील के करवे 270 से एक हजार रुपये तक के बिके। मिट्टी के करवे 40 से 100 रुपये में बिके। दीपा देवी, सुशीला ने कहा यह पर्व हमारे वैवाहिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कारोबारी प्रतीक ने बताया कि पूजा सामग्री में पिछली बार से 10 से 20 रुपये की वृद्धि हुई है।