Urvashi Rautela Mandir: जिस मंदिर पर उर्वशी रौतेला कर रहीं दावा, क्या है उसका इतिहास?
Urvashi Rautela Mandir उर्वशी रौतेला द्वारा मंदिर होने के दावे पर विवाद हो गया है। स्थानीय हकहकूकधारी और पुजारी अभिनेत्री के इस बयान से नाराज़ हैं उनका कहना है कि इससे उनकी आस्था को ठेस पहुंची है। उनका कहना है कि उर्वशी रौतेला को माफी मांगनी चाहिए अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। उर्वशी मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख है और यह देवी के रूप में पूजित है।

संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। एक टीवी शो के दौरान फिल्म अभिनेत्री उर्वशी रौतेला द्वारा बदरीनाथ धाम में अपना मंदिर होने के दावों के बाद चमोली जिले में हकहकूकधारी खासे नाराज हैं। तीर्थपुराेहितों के साथ बदरीनाथ मंदिर से जुडे़ हकहकूकधारियों , पुजारियों ने अभिनेत्री उर्वशी रौतेला के दावे को बचकाना हरकत बताते हुए प्रखर विरोध किया है।
पुरोहित समाज आंदोलन के लिए बाध्य
ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष अमित सती ने कहा कि अभिनेत्री उर्वशी रौतेला द्वारा दिए गए बयान से स्थानीय निवासियों सहित हकहकूकधारियों की आस्था को ठेस पहुंची है। उन्हें तत्काल माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा पुरोहित समाज आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने जारी बयान में कहा कि बदरीनाथ के पास मां उर्वशी देवी का मंदिर को अपने नाम से जोड़कर उर्वशी रौतेला ने गलत कार्य किया है। कहा कि बदरीनाथ धाम में उर्वशी मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख है तथा यह देवी के रुप में पूजित है।
बामणी गांव के बदरीनाथ मंदिर में हकहकूकधारी मेहता थोक के सदस्य व पूर्व नगर पंचायत के अध्यक्ष बलदेव मेहता का कहना है कि उर्वशी रौतेला पहाड़ों उत्तराखंड की निवासी हैं, उन्हें देवी देवताओं के मंदिरों की मर्यादा की पूरी जानकारी है। ऐसे में उर्वशी मंदिर को लेकर उनके दावे से लोग आहत हुए हैं। अभिनेत्री उर्वशी रौतेला को पहाड़ की बेटी होने के नाते तत्काल इस पर क्षमा मांगनी चाहिए।
कौन हैं उर्वशी देवी?
बदरीनाथ धाम में उर्वशी को सौंदर्य की देवी के रुप में पूजा जाता है। शास्त्रों में बदरीनाथ धाम को उर्वशी पीठ के रुप में भी जाना जाता है। बामणी गांव में स्थित उर्वशी मंदिर में बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही पूजा अर्चना होती है। श्रद्धालु इस दौर में इसे सौंदर्य की देवी के रुप में पूजते हैं।
यह है मान्यता?
उर्वशी देवी को लेकर शास्त्र मान्यता है कि भगवान विष्णु धाम में तपस्या कर रहे थे। उनकी साधना के फलस्वरुप जंघा से सुंदर अप्सरा का जन्म हुआ, जिसका नाम उर्वशी था। उर्वशी को स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सराओं में से एक माना जाता है। स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी ने बामणी गांव के निकट कुछ दिन बिताए। इस स्थान पर मां उर्वशी को देवी के रुप में वर्तमान समय में पूजित किया जाता है।
बदरीनाथ धाम से एक किमी की दूरी पर बामणी गांव में उर्वशी देवी मंदिर को लेकर एक और मान्यता है। माता सती को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने पृथ्वी लोक का भ्रमण किया। इस दौरान सुदर्शन चक्र से सती के कई टुकडे़ हुए। मान्यता है कि एक टुकड़ा बामणी गांव में भी गिरा। जिसे उर्वशी देवी के रुप में पूजित किया गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।