THDC Tunnel Accident Update: टनल के अंदर एक ही ट्रैक पर चल रही थीं दोनों लोको ट्रेन, टक्कर में 79 घायल
गोपेश्वर में टीएचडीसी की विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की टनल में मंगलवार रात लोको ट्रेनें टकरा गईं। इस दुर्घटना में आठ कर्मचारी गंभीर रूप स ...और पढ़ें

घटना के बाद से ही टनल में निर्माण कार्य बंद है। Jagran
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संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। अलकनंदा नदी पर बन रही टिहरी हाइड्रो पावर कापरेशन लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही 444 मेगावाट की विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना में मंगलवार की रात्रि को हुई लोको ट्रेन (टनल के अंदर सामन व कर्मचारी की आवाजाही के प्रयोग में आने वाली ट्रालियां ) की टक्कर से आठ कर्मचारी जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं। इन्हें गंभीर चोटे आई हैं। हालांकि घायल कर्मचारी फिलहाल खतरे से बाहर हैं जबकि घायलो में 71कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। घटना के बाद से ही टनल में निर्माण कार्य बंद है।
गौरतलब है कि बीती रात्रि लगभग पौने नौ बजे पीपलकोटी में हाट गांव से टीएचडीसी जल विद्युत परियोजना की टनल में कार्य करने के लिए 109 कर्मचारी कार्य पर जा रहे थे, इस दौरान टनल के मुहाने से ढाई किमी आगे लोको ट्रेन की टक्कर इसी ट्रेक पर आ रही सामान ढोने वाली मालगाड़ी से हो गई। बताया गया कि इस दौरान लोको ट्रेन आपस में भिड़ने से कर्मचारियों, मजदूरों, इंजीनियर ट्रेक पर गिरने के साथ चोटिल हो गए।
दुर्घटना की सूचना के बाद इस ट्रेक पर बाहर खड़ी सामान लाने ले जाने वाले दूसरी मालगाड़ी को रेस्क्यू के लिए भेजा गया, जिसमें घायलों को टनल से बाहर लाकर वाहनों व एंबुलेंस से चिकित्सालय भेजा गया। बताया गया कि जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में 61 घायलों को लाया गया।
घायलों में से आठ लोगों का उपचार जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में चल रहा है। इन्हें गंभीर चोटे आई हैं, हालांकि ये खतरे से बाहर हैं। जबकि 53 घायलों की प्राथमिक उपचार के बाद बुधवार को जिला चिकित्सालय से छुट्टी कर दी गई है। जबकि स्वामी विवेकानंद चिकित्सालय पीपलकोटी में 18 लोगों का प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। बताया गया कि 30 लोगों को मामूली चोटे होने के कारण उन्हें टीएचडीसी व एचसीसी परिसर में उपचार दिया गया।
हिमालय क्षेत्र में प्रयाेग में लाई गई सबसे बड़े डाया की टीवीएम मशीन
टीएचडीसी द्वारा बनाई जा रही विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का निर्माण वर्ष 2005 में शुरु हुआ था। हालांकि इस परियोजना की कछुवा चाल के चलते टनल निर्माण का कार्य टीवीएम से21-22 में ही शुरु हो पाया। शुरुआती दिनों में हाट गांव के विरोध के बाद टीएचडीसी ने टनल का सर्वे को भी पूर्व स्थान से हटाकर आगे दूसरे स्थान से शुरु कराया गया। लेकिन टीबीएम के शुरुआती क्षेत्र में फंसने के बाद एडिट टनल बनाकर तकीनीकी दिक्कतों को दूर करते हुए टीवीएम को आगे बढ़ाया गया था।
जल विद्युत परियोजना की यह टनल साढे़ 13 किमी बननी है। वर्तमान समय में आठ किमी टनल निर्माण हो चुका है। इस टनल को हाट से निकलकर हेलंग में डायवर्जन स्थल पर जाना है। खासबात तो यह है कि हिमालयी क्षेत्रों में कार्य कर रही यह टनल बोरिंग मशीन सबसे ज्यादा डाया की है। इसका आकार 9.86 डाया है।

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