Chamoli News: सुप्रीम कोर्ट की रोक पर बोले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, शंकराचार्य के रूप में हो चुका है अभिषेक
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ज्योतिष्पीठ की गद्दी पर 12 अक्टूबर को परमहंसी आश्रम मध्यप्रदेश में उनका अभिषेक हो चुका है। यह केस ज्योर्तिमठ को लेकर किए जा रहे अनावश्यक विवाद पर अंतिम निर्णय के लिए महत्वपूर्ण होगा।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली) : ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ज्योतिष्पीठ की गद्दी पर उनका अभिषेक 12 सितंबर को परमहंसी आश्रम मध्यप्रदेश में हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश महत्वपूर्ण
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का अभिषेक संबंधी रोक का आदेश ज्योतिष्पीठ के लिए महत्वपूर्ण है। यह मामला ज्योर्तिमठ को लेकर किए जा रहे अनावश्यक विवाद पर अंतिम निर्णय के लिए महत्वपूर्ण होगा।
अनावश्यक विवाद से धर्म की हानि
शनिवार को बदरीनाथ धाम के शेष नेत्र आश्रम में दैनिक जागरण से बातचीत में ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ज्योर्तिमठ पीठ को लेकर अनावश्यक विवाद किए जाने से धर्म की हानि हो रही है।
इससे क्या भला होगा
उन्होंने सवाल किया कि इससे ज्योतिष्पीठ व उत्तराखंड का क्या भला होगा, यह विचारणीय प्रश्न है। शंकराचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने अधिवक्ता के माध्यम से वह पहले ही साफ कर चुके हैं कि ज्योर्तिपीठ पर उनका अभिषेक परंपरानुसार काशी विश्व परिषद सहित अन्य संस्थाओं की मौजूदगी में हो चुका है।
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जोशीमठ में होना है महासम्मेलन
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि 17 अक्टूबर को जोशीमठ में शंकराचार्य महासम्मेलन का आयोजन होना है। महासम्मेलन पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) की ओर से कोई रोक नहीं है। लिहाजा जोशीमठ में महासम्मेलन व नागरिक अभिनंदन और स्वागत कार्यक्रम यथावत आयोजित होंगे।
बदरीनाथ धाम पहुंचने पर शंकराचार्यों का किया गया पादुका पूजन
आज शनिवार को ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य महास्वामी विधुशेखर भारती महाराज और पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती बदरीनाथ पहुंचे। पंडा समाज, डिमरी पुजारी और स्थानीय नागरिकों ने उनका अभिनंदन कर पादुका पूजन किया।
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