भारत-तिब्बत सीमा इनर लाइन भ्रमण करना हुआ आसान, परमिट के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे पर्यटक
Inner Line Permit भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में भ्रमण करना अब और भी आसान हो गया है। चमोली जिला प्रशासन ने इनर लाइन परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की है। पर्यटक अब घर बैठे ही इनर लाइन पास के लिए आवेदन कर सकते हैं। माणा पास रिमखिम पास और नीती पास जैसे खूबसूरत स्थानों की यात्रा अब और भी सुगम हो गई है।

संवाद सहयोगी, जागरणग, गोपेश्वर। Inner Line Permit: चमोली जनपद की भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में भ्रमण के आवेदन की प्रक्रिया अब सरल हो जाएगी। जिला प्रशासन की पहल पर इनर लाइन परमिट के आवेदन के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की जा रही है।
इसके लिए प्रशासन की ओर वेबसाइट तैयार की गई है। जिसका शीघ्र सुचारू संचालन शुरू किया जाएगा। जिसके बाद सीमा क्षेत्र में भ्रमण के इच्छुक पर्यटक घर बैठे सुगमता से इनर लाइन परमिट के लिए आवेदन कर सकेंगे।
भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में मौजूद हैं माणा, पास और नीती पास
चमोली जनपद में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में माणा पास, रिमखिम पास और नीती पास मौजूद हैं। जो नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर होने के साथ ही धार्मिक आस्था के केंद्र भी है।
ऐसे में इन क्षेत्रों के भ्रमण के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में राज्य और देश के अनेकों पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन सीमा क्षेत्र होने के चलते यहां पहुंचने के लिए प्रशासनिक अनुमति आवश्यक है। जिसके लिए वर्तमान तक ऑफ लाइन आवेदन करना होता था।

पर्यटकों के लिए आसान होगा परमिट लेना
ऐसे में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आवेदन में हो रही दिक्कतों को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन सुविधा से जोड़ने का कार्य किया है। जिससे पर्यटक और श्रद्धालु अब घर बैठे ही इनर लाइन पास के लिए आवेदन कर सकेंगे।
.jpg)
ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर जयवीर सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से वेबसाइट तैयार की गई है। जिसके माध्यम आवेदन प्राप्त होने के बाद व्यक्ति को स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त कर सीमा क्षेत्र में भ्रमण की अनुमति प्रदान की जाएगा।
इन प्वाइंट की अनुमति की जाएगी प्रदान
वेबसाइट के माध्यम से सीमा क्षेत्र के घस्तोली, रत्ताकोणा, जगराऊं, देवताल, माणा पास, गोटिंग, ग्याल डुंग, गणेशगंगा, क्यूलांग, नीती पास, 16 प्वाइंट, अपर रिमखिम, लोअर रिमखिम और पार्वती कुंड के भ्रमण की अनुमति प्रदान की जाएगी।
ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर जयवीर सिंह ने बताया की वेबसाइट पर आवेदन के दौरान ही मौसम व सीमा क्षेत्र की सड़क की स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध होगी।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड का मेरु पर्वत... जो सुनाता है कत्यूरी शासक, मल्ल व चंद राजवंश की गौरवगाथा

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।