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    चमोली एवलांच के बाद उत्तराखंड के इस हाईवे पर चट्टान गिरी, राहगीरों की अटक गईं सांसें; मची चीख-पुकार

    Updated: Mon, 03 Mar 2025 04:45 PM (IST)

    ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर रैणी सलधार के पास एक बड़ी चट्टान गिरने से तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात बाधित रहा। चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गया जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई। सीमा सड़क संगठन ने जेसीबी मशीनों से मलबा हटाकर हाईवे को सुचारू कराया। जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि हाईवे से मलबा हटाकर हाईवे सुचारू कर दिया गया है।

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    पिछले दिनों हुई बारिश और बर्फबारी के बाद टूट रहे हैं पहाड़। (तस्वीर जागरण)

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। ज्योतिर्मठ नीती हाईवे पर रैणी सलधार के पास सोमवार को एक चट्टान दरक कर गया, उसका एक बड़ा हिस्सा टूट गया। गनीमत यह रही कि खतरे का आभास होते ही हाईवे पर ट्रैफिक रूक गया था। इस दौरान हाईवे तीन घंटे से अधिक देर तक बाधित रहा।

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    नीती हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। चट़्टान को काटकर हाईवे चौड़ा किया गया था। बताया गया कि इस क्षेत्र में मजबूत चट्टान होने के चलते इसे काटकर गुफा नुमा बना दिया गया था। सोमवार दोपहर को जब यहां पर आवाजाही हो रही थी तो पहले तो पहाड़ का छोटा हिस्सा टूटा।

    जिसे देख राहगीरों ने वाहन रोक दिए, लेकिन देखते ही देखते हाईवे पर चट़्टान का एक बड़ा हिस्सा गिरा और हाईवे पर आ गया। बताया कि चट्टान का बड़ा हिस्सा टूटने के दौरान जोर से आवाज के साथ घाटी में धुंए का गुब्बार छा गया।

    हाईवे पर ट्रैफिक रूक गया

    गनीमत यह रही कि इस दौरान दोनों ओर हाईवे पर ट्रैफिक रूक गया था। सीमा सड़क संगठन ने हाईवे बाधित होने पर जेसीबी मशीनों से मलबा हटाकर लगभग तीन घंटे बाद हाईवे सुचारू कराया है। जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि हाईवे से मलबा हटाकर हाईवे सुचारू कर दिया गया है।

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    डीएम ने दिए घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

    देश के प्रथम गांव माणा में हिमस्खलन की चपेट में आए 54 श्रमिकों की खोजबीन व बचाव का अभियान करीब 60 घंटे बाद रविवार को समाप्त हुआ। इस दरमियान सेना व आइटीबीपी के जवानों ने विषम भूगोल और मौसम की चुनौतियों से जूझते हुए 46 श्रमिकों का जीवन बचा लिया, जबकि आठ की मौत हो गई। इनमें चार श्रमिकों के शव रविवार को बर्फ में दबे मिले। अन्य चार ने शनिवार को अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ा था।

    माणा से माणा पास तक चीन सीमा को जोड़ने वाले 50 किमी लंबे हाईवे का चौड़ीकरण करने आए ये श्रमिक शुक्रवार को हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। बचाव अभियान में वायु सेना, सीमा सड़क संगठन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की भी अहम भूमिका रही। जिलाधिकारी डॉक्टर संदीप तिवारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।

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