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    हेमकुंड साहिब में बर्फ हटाने के काम में मौसम बन रहा बाधा, सेना ने संभाला मोर्चा; क्या है तीर्थस्थल की मान्यता

    उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तैयारी चल रही है। सेना बेस कैंप घांघरिया से हेमकुंड तक बर्फ हटाने में जुटी है लेकिन मौसम बाधा बन रहा है। सात फीट से अधिक बर्फ जमी है और अटलाकोटी हिमखंड को काटना चुनौती है। उम्मीद है कि 20 मई तक यात्रा मार्ग सुचारू हो जाएगा।

    By Devendra rawat Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 06 May 2025 05:48 PM (IST)
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    हेमकुंड यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी से आगे बर्फ हटाती सेना। साभार सरदार सेवा सिंह

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुलने के बाद अब हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने बाकी है। इन तीर्थो के कपाट खोलने से पूर्व यात्रा तैयारियों को लेकर हेमकुंड साहिब में सेना डेरा डाले हुए है।

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    सबसे अधिक दिक्कत यह है कि हेमकुंड यात्रा के बेस कैंप घांघरिया से तीन किमी दूरी पर अटलाकोटी से हेमकुंड तक बर्फ ही बर्फ है। जिसे हटाने के काम में सेना को चुनौती आए दिन मौसम के मिजाज बदलने से मिल रही है।

    हेमकुड साहिब में सात फिट से अधिक बर्फ जमी हुई है। यहां पर गुरूद्वारा के प्रथम तल व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के साथ सरोवर पूरी तरह से बर्फ से ढ़का है। सेना हेमकुंड में रहकर ही बर्फ हटाने का कार्य कर रही है। बताया गया कि

    हेमकुंड में 22 सेना के जवान व अधिकारियों सहित 12 सेवादार 20 अप्रैल से हेमकुंड मार्ग से बर्फ हटा रहे हैं। सेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती अटलाकोटी हिमखंड को काटना है। यह हिमखंड 200 मीटर लंबा व 15 फिट उंचा है।

    सेना ने अब तक हेमकुंड साहिब में एक किमी लंबा सीढ़ी का पुराना सार्टकट पैदल मार्ग से बर्फ हटाई जा चुकी है। अब सेना ने बर्फ हटाने के लिए दो भागों में मानव संसाधन बांटें हैं। जिसमें एक दल हेमकुंड साहिब में गुरूद्वारा व लक्ष्मण मंदिर के आसपास से बर्फ हटा रहे हैं। जबकि एक दल हेमक़ुंड से अटलाकोटी क्षेत्र में मुख्य पैदल मार्ग से बर्फ साफ करने में जुटा है।

    बताया गया कि आए दिन बारिश व बर्फबारी के चलते कार्य में बाधा पहुंच रही है। बताया गया कि बर्फ हटाने के काम में सेना व सेवादारों की संख्या बढ़ाने की रणनीति भी बनाई जा रही है।

    गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह का कहना है कि बारिश के दौरान दोपहर बाद काम को रोकना पड़ रहा है। जब मौसम साफ रह रहा है तब सात घंटे से अधिक समय तक बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा 20 मई तक हेमकुंड से बर्फ हटकार यात्रा पैदल मार्ग भी सुचारू हो जाएगा।

    ये है मान्यता

    हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 25 मई को खुलते व 10 अक्टूबर को बंद होते है। हेमकुंड को लेकर मान्यता है कि यहां पर सिक्खों के दसवें गुरू गोविंद सिंह ने पूर्व जन्म में दुष्ददमन के रूप में तपस्या की थी। हेमकुंड साहिब को लेकर दसवें ग्रंथ के विचित्र नाटक में हेमकुंड का वर्णन है।

    हेमकुंड की खोज 1885 के अमृतशहर के पत्रकार तारा सिंह नरोत्तम ने की थी। लेकिन यहां पर यात्रा बाबा मोदन सिंह व टिहरी राजदरवार के गंथ्री संत सोहन सिंह द्वारा 1934 में शुरू की ।

    यहां पर सरोवर किनारे लोकपाल तीर्थ भी है। मान्यता है कि भगवान रामचंद्र जी के भाई लक्ष्मण ने पूर्व जन्म में शेष नाग के अवतार में तपस्या की थी।

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