Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hemkund Sahib Yatra 2024: ये है दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा, रामायण काल से है इसका संबंध

    हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली है। साथ ही यह विश्व का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा भी है। इस बार हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट 25 मई (Hemkund Sahib Yatra Opening Date 2024) को खोले जाएंगे। हर वर्ष हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा का संबंध रामायण काल से है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 15 May 2024 01:28 PM (IST)
    Hero Image
    Hemkund Sahib Yatra 2024: ये है दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा, रामायण काल से है इसका संबंध

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hemkund Sahib Gurudwara Opening Date 2024: हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा उत्तराखंड के जिला चमोली में स्थित है। यह सिखों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली है। साथ ही यह विश्व का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा भी है। गुरुद्वारा करीब 15 हजार 200 फीट ऊंचे ग्लेशियर पर स्थित है। इसके बावजूद भक्त पूरी श्रद्धा के साथ कठिन यात्रा करके यहां पहुंचते हैं। इसलिए हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा को सिख तीर्थों की सबसे कठिन तीर्थ यात्रा भी कहा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Badrinath Dham: बेहद निराला है बदरीनाथ धाम, जानें इस मंदिर से जुड़ी अहम बातें

    कब शुरू होगी हेमकुंड साहिब यात्रा 2024

    इस बार हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे। हर वर्ष हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। हेमकुंड एक संस्कृत नाम है जो दो शब्दों हेम अर्थात बर्फ और कुंड अर्थात कटोरा को मिलाकर बना है। दसम ग्रंथ के अनुसार, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा वह स्थल है, जहां पांडु राजा अभ्यास योग किया करते थे।

    5 महीने के लिए खुलता है गुरुद्वारा

    हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा उत्तर भारत की हिमालयी श्रृंखला में स्थित है। इसलिए ठंड के दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की आवाजाही बंद रहती है। जब चारधाम यात्रा प्रारंभ होती है उसके आसपास हेमकुंड साहिब की यात्रा की शुरुआत होती है। यह गुरुद्वारा वर्ष के सिर्फ 5 महीने श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।

    रामायण काल से है इसका संबंध

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा का संबंध रामायण काल से है। इस पवित्र स्थल पर पहले मंदिर था, जिसका निर्माण मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण जी के द्वारा हुआ था। गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में इस बात का उल्लेख मिलता है कि यहां पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने 20 वर्षों तक तपस्या की थी। गुरु से संबंधित होने की वजह से इस स्थल को गुरुद्वारा घोषित कर दिया गया।

    यह भी पढ़ें: Mohini Ekadashi 2024: धन प्राप्ति के लिए राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जप, शुभ कार्यों में भी मिलेगी सफलता


    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।