Chamoli News: गौचर मेले में चक्रव्यूह का मंचन, महाभारत के युद्ध के 13वें दिन की घटनाओं को किया प्रस्तुत
गौचर मेले में तीसरे दिन पांडव नृत्य और चक्रव्यूह मंचन का आयोजन किया गया। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। उत्सव समूह ने गढ़वाली में चक्रव्यूह का मंचन किया, जिसमें महाभारत की कथा को दर्शाया गया। सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं। मेले में खगोलीय दूरबीन और कृषि संगोष्ठी भी आकर्षण का केंद्र रहे।

गौचर मेला मैदान में गढ़वाली बोली में आयोजित चक्रव्यूह मंचन देखने उमड़ी भीड़ । जागरण
संवाद सूत्र, जागरण, गौचर: राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर में तीसरे दिन सांस्कृतिक और खेलकूद आयोजन को देखने मेलार्थियों की भीड़ उमड़ी रही।
मेला मंच के समीप आयोजित पांडव नृत्य और चक्रव्यूह मंचन का गढ़वाली में अभिनय दर्शकों ने खूब सराहा। इसे देखने के लिए अच्छी खासी भीड़ मौजूद रही। इस अवसर पर मेला मंच पर विभिन्न गोष्ठियों का आयोजन भी किया गया।
रविवार को उत्सव समूह श्रीनगर की ओर से लोक नाट्य पांडव नृत्य के तहत चक्रव्यूह का गढ़वाली में मंचन किया गया। इसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में मेलार्थी मौजूद रहे।
गौचर मेला मैदान में आयोजित चक्रव्यूह मंचन में महाभारत की कथा को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया। इस प्रदर्शन को दर्शकों ने सबसे अधिक सराहा।
उत्सव समूह के डाक्टर राकेश भट्ट ने बताया कि गढ़वाली बोली में चक्रव्यूह का मंचन उनकी टीम ने लगभग पूरे देश में किया है। इस मंचन में महाभारत के युद्ध के 13वें दिन की घटनाओं को चित्रित किया गया, विशेष रूप से अभिमन्यु वध और उसके बाद अर्जुन की जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा का मंचन किया गया।
इसमें अभिमन्यु का किरदार शिवम शेव, कृष्णा, मुकेश नेगी (संवाद गायन), युधिष्ठिर अर्जुन रावत, भीम दिगम्बर नेगी, अर्जुन सुधीर डंगवाल, नकुल शेखर काला, सहदेव विपिन पुरोहित, सात्यकि शैल जुयाल, द्रौपदी आरती रावत, कुंती दीक्षा खंडूरी, जयद्रथ राहुल बिष्ट, दुशासन शीशपाल रावत, कर्ण मदन मोहन, अश्वत्थामा रोहित, कृपाचार्य देवेंद्र, शल्य श्रेयस, लक्ष्मन हिमांशु, शकुनि हरीश भट्ट, और दुर्योधन दीपक नेगी ने दर्शकों को बांधे रखा।
मेरी भग्यानी बौ सिरकी खुद लागी तेरी...
मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में उपस्थित कलाकारों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। स्थानीय लोक कलाकारों में जन कल्याण लोक सेवा समिति गौचर, नौ गांव बंड सांस्कृतिक कला मंच मायापुर चमोली, और अलकनंदा सांस्कृतिक एवं विकास संस्था गौचर ने प्रस्तुतियां दी।
इनमें "मेरी भग्यानी बौ सिरकी खुद लागी तेरी", "बदरीनाथ जी की स्तुति", और "हो भीना कसकू जांदू द्वारहाटा" शामिल रही। देर रात 11 बजे तक चले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गायक शाश्वत जे पंडित एवं विवेक नौटियाल ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने हिन्दी व गढ़वाली गानों का मिक्स सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
खगोलीय दूरबीन बनी आकर्षण का केंद्र
गौचर मेले में स्काईस्केप संस्था द्वारा खगोलीय घटनाओं को दिखाने के लिए पहली बार दूरबीन लगाई गई है, जिससे रात और दिन में मेले में पहुंचे बच्चे और मेलार्थी खगोलीय पिंडों का दीदार कर रहे हैं।
इस दौरान संस्था के कर्मचारियों द्वारा दिन में सूर्य को भी नजदीकी से देखने और अन्य आकाशीय गतिविधियों की जानकारी दी गई। दो सौ से तीन सौ रुपये में खगोलीय घटनाओं को नजदीक से देखने को लेकर बच्चों में उत्साह नजर आया।
मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूह और चीन सीमा से सटे क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में पहुंचे भोटिया जनजाति के ग्रामीणों द्वारा तैयार उत्पादों की भी जमकर बिक्री हो रही है।
कृषि और समाजकल्याण गोष्ठी का आयोजन
मेले में तीसरे दिन कृषि विभाग की ओर से आयोजित कृषि संगोष्ठी में कृषकों ने भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।
गोष्ठी में सर्वप्रथम एकीकृत कृषि से संबंधित नुक्कड़ नाटक 'अपणी पूगंड़ी तै स्वर्ग बणावा तब होलू विकास अपणा उत्तराखंड कू' प्रस्तुत किया गया। गोष्ठी को एडीएम विवेक प्रकाश, एसडीएम व मेलाधिकारी सोहन सिंह रांगड़ व नगर पालिका गौचर के पूर्व उपाध्यक्ष जयकृत बिष्ट ने संबोधित किया।
कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी अश्विनी गौतम ने बताया कि सभी कृषकों को कृषि यंत्र भारी छूट पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गोष्ठी में मुख्य अतिथि शैलेन्द्र सिंह नेगी ने सभी कृषकों से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की अपील की।
गोष्ठी में सहायक कृषि अधिकारी राजन गुसाईं, सहायक कृषि अधिकारी शिव प्रसाद गौड़, सहायक कृषि अधिकारी हर्ष बालियान, ऋषभ बहुगुणा, हरीश थपलियाल, दिनेश रावत, अरुण नेगी, दर्शन कण्डारी, महेंद्र सिंह राणा, वीरेन्द्र सिंह नेगी, धन सिंह नेगी, दलवीर कनवासी, ईश्वरी मैखुरी आदि मौजूद रहे।

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