Badrinath Yatra 2020: श्रद्धालुओं को अमेजन से मिलेगा पंच बदरी प्रसाद, ये सामग्री होगी उपलब्ध
Badrinath Yatra 2020 बदरीनाथ धाम के पंच बदरी प्रसादम को ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके विपणन के लिए चमोली जिला प्रशासन ने अमेजन कंपनी से करार किया है।
By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 01:27 PM (IST)
गोपेश्वर(चमोली), जेएनएन। देश-विदेश के श्रद्धालु अब बदरीनाथ धाम के पंच बदरी प्रसादम को ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके विपणन के लिए चमोली जिला प्रशासन ने अमेजन कंपनी से करार किया है। प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को सरस्वती नदी का जल, बदरीश तुलसी, हर्बल धूप, बदरी गाय का घी, हिमालयन गुलाब जल और बदरी सिक्का उपलब्ध कराया जाएगा। यह सारी सामग्री एक खूबसूरत बैग और बॉक्स में पैक की गई है।
जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि प्रसाद के रूप में जो बदरी तुलसी श्रद्धालुओं को भेजी जाएगी, उसे बदरिकाश्रम क्षेत्र में देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। भगवान बदरी नारायण की दैनिक पूजा व आरती में यही तुलसी अर्पित की जाती है और इसी से भगवान का श्रृंगार भी होता है। बताया कि सरस्वती नदी का जल माणा गांव में भीम पुल के पास से लाया जा रहा है।
इसके बाद सरस्वती नदी अलकनंदा में विलीन हो जाती है। इसी तरह बदरी सिक्का एक तरह से भगवान बदरीनाथ का शिलालेख है। बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु बदरीनाथ धाम नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में उन्हें घर बैठे प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए अमेजन से करार किया गया।
डीएम ने बताया कि पंच बदरी प्रसादम बैग के माध्यम से श्रद्धालुओं को पंच बदरी धामों के माहात्म्य से भी परिचित कराया गया है, जिससे तीर्थाटन के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके। बताया कि इस प्रसाद से जिले के 18 स्वयं सहायता समूहों जुड़े 89 से अधिक सदस्यों की आजीविका भी संवरेगी।
अन्य राज्यों के यात्री भी कर सकेंगे चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा अब बाहरी राज्यों के लिए खोल दी गई है, लेकिन इसके लिए प्रदेश की कोविड-19 की एसओपी (मानक प्रचालन कार्यविधि) के मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है। हालांकि, कोरोना संकट को देखते हुए चारों धामों में बाहर से किसी भी प्रकार का प्रसाद लाने की मनाही है। इसे देखते हुए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की हालिया बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि श्रद्धालुओं को प्रसाद उपलब्धता के साथ ही इसे ऑनलाइन भिजवाने की व्यवस्था भी की जाए।
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