Updated: Sun, 21 Sep 2025 04:18 PM (IST)
Chamoli Cloudburst चमोली में आई आपदा ने दीपा और अंकित नाम के दो भाई-बहनों को फिर से अनाथ कर दिया है। पहले उनके पिता गायब हुए फिर मां का निधन हो गया। नाना-नानी ने सहारा दिया लेकिन आपदा में वे भी चल बसे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ढांढस बंधाने पर उन्होंने मुआवजे की जगह अभिभावकों का साथ मांगा।
देवेंद्र रावत, जागरण गोपेश्वर। आपदा ने सब कुछ छीन लिया। पहले पिता गायब हुए फिर मां चल बसीं। नाना-नानी ने जीवन को संवारने की जिम्मेदारी उठाई तो उन्हें आपदा के मलबे ने हमेशा के लिए छीन लिया। अब दो भाई-बहन अनाथ हैं। रो-रोकर बुरा हाल है। किस्मत को कोस रहे हैं।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब ढाढस बंधाने पहुंचे तो उनके पैरों में गिरकर गम छलक गया। रुंधे गले से कहा कि साहब हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें तो अभिभावकों का साया चाहिए। अब हमारा कौन है। कौन हमारी चिंता करेगा। भविष्य की बुनियाद तय करेगा। हमारी तो दुनिया ही उजड़ गई है। यह दृश्य देख मुख्यमंत्री भी भावुक हो गए।
24 वर्षीय अंकित उनियाल और उसकी बहन 22 वर्षीय दीपा उनियाल उर्फ शालू को यह आपदा बड़े जख्म दे गई। नारायणबगड विकासखंड की डुंग्री गांव के दोनों भाई-बहन कुंतरी लगा फाली सरपाणी गांव में अपने नाना जगदंबा प्रसाद और नानी भागा देवी के साथ ननिहाल में रहते थे।
बादल फटने के बाद आई आपदा में नाना-नानी घर के अंदर दफन हो गए। भाई-बहन की जीवन की कहानी दर्दभरी है। वर्ष 2000 में उनके पिता जगदीश प्रसाद गायब हो गए थे। उनका आज तक पता नहीं चल सका है। मां लक्ष्मी देवी ने अपने माता-पिता के सहयोग से दोनों का भरण पोषण किया। पढ़ाया-लिखाया, लेकिन काल को कुछ और ही मंजूर था। लक्ष्मी देवी की भी वर्ष 2021 में अचानक मृत्यु हो गई।
अनाथ हुए दीपा और अंकित को नाना और नानी ने सहारा दिया। उनकी शिक्षा के साथ ही अभिभावक का हर फर्ज निभाया जिसकी उन्हें आवश्यकता थी। बेहतर भविष्य के लिए अपने घर पर ही बुला लिया। नाना-नानी के प्रयासों से ही दीपा गढ़वाल विश्वविद्यालय से एमएससी कर रही है। अंकित भी बीकाम कर चुका है। नाना-नानी के प्यार ने उन्हें कभी अभिभावकों की कमी नहीं होने दी। अब आपदा ने नाना-नानी का साया छीना तो दोनों बदहवास हो गए हैं।
नाना-नानी को भी जिंदगी भर जख्म जगदंबा प्रसाद सती और भागा देवी को भी जिंदगी में जख्म मिलते रहे। उनका इकलौता बेटा मनोज 15 वर्ष पहले गोपेश्वर में स्नातक की पढ़ाई के दौरान हादसे का शिकार हो गया था। पांच साल पहले एक दामाद लापता हो गया, बीते वर्ष एक दामाद की वाहन दुर्घटना में मौत हो गई थी।
एक महीने पूर्व ही एक अन्य दामाद की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। सरपाणी गांव के संदीप सती का कहना है कि दीपा और अंकित सदमे में हैं। उन्हें ग्रामीण और रिश्तेदार ढाढस बंधा रहे हैं। जिलाधिकारी डा. संदीप तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पूरी मदद का भरोसा दिया है।
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