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    देवाल की पहली महिला चालक बनकर बीना बढ़ा रही आर्थिकी, 6 साल पहले चलानी शुरू की थी टैक्सी; रोजाना 2000 की कमाई

    By Dinesh thapaliyalEdited By: riya.pandey
    Updated: Fri, 15 Sep 2023 01:08 PM (IST)

    चमोली जिले में देवाल ब्लाक स्थित वाण गांव की बीना देवी क्षेत्र की पहली महिला चालक बनकर परिवार की आर्थिकी मजबूत कर रही हैं। छह साल पहले उन्होंने बतौर व्यावसायिक वाहन चालक टैक्सी चलानी शुरू की थी। शुरुआत में तो परेशानी आई लेकिन आज वह प्रतिदिन औसतन दो हजार रुपये कमा रही हैं। खासकर चारधाम यात्रा सीजन में उनका काम काफी अच्छा चलता है।

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    देवाल की पहली महिला चालक बनकर बीना बढ़ा रही आर्थिकी

    संवाद सूत्र, देवाल: चमोली जिले में देवाल ब्लाक स्थित वाण गांव की बीना देवी क्षेत्र की पहली महिला चालक बनकर परिवार की आर्थिकी मजबूत कर रही हैं। छह साल पहले उन्होंने बतौर व्यावसायिक वाहन चालक टैक्सी चलानी शुरू की थी।

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    शुरुआत में तो परेशानी आई, लेकिन आज वह प्रतिदिन औसतन दो हजार रुपये कमा रही हैं। खासकर, चारधाम यात्रा सीजन में उनका काम काफी अच्छा चलता है। पिछले छह साल में वह अपनी टैक्सी के जरिये पूरे उत्तराखंड का चक्कर भी लगा चुकी हैं। इसके साथ वह घर के खेती-बाड़ी का काम भी संभालती हैं।

    आर्थिक हालात अच्छे न होने से केवल 10वीं तक की पढ़ाई

    वर्ष 2010 में बीना देवी की शादी वाण गांव निवासी सुरेंद्र सिंह से हुई थी। पिता की आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने के चलते वह हाईस्कूल से आगे पढ़ाई नहीं कर पाईं। उनके पति एक टूरिस्ट गाइड हैं। इसके साथ ही खेती और पशुपालन भी करते हैं।

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    बीना बताती हैं, वर्ष 2013 में वाण गांव तक सड़क बनी तो उन्हें वाहन चलाना सीखने की इच्छा हुई। पति ने साथ दिया तो वर्ष 2016 में उन्होंने ऋण लेकर कार खरीदी और परमिट लेकर बतौर चालक एक नई शुरुआत की।

    महिला देख वाहन में पीछे बैठने से हिचकते थे लोग

    हालांकि, पहले लोग एक महिला को देखकर गाड़ी में बैठने से हिचकते थे, लेकिन अब यह काफी सामान्य बात हो गई है। उन्हें बेहद खुशी है कि वह अपने बच्चों के पालन-पोषण में मदद कर पा रही हैं। साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में उनकी भी भागीदारी है।

    खाली वक्त में खेतीबाड़ी भी करती हैं बीना

    जरूरत पड़ने पर वह मायकेवालों की भी मदद करती हैं। बीना कहती हैं, खाली वक्त में वह खेतीबाड़ी करती हैं। उनके अधिकतर यात्री पहाड़ पर सैर-सपाटे के लिए आने वाले यात्री होते हैं। इसके साथ ही चारधाम यात्रा सीजन में उनकी काफी अच्छी कमाई होती है।

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