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    Badrinath Dham: खडग पुस्तक हुई बंद, धाम में अब शीतकाल तक नहीं सुनाई देगी वेद-ऋचाओं की गूंज

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 08:23 PM (IST)

    बद्रीनाथ धाम में पंच पूजाओं के तीसरे दिन खडग पुस्तक की पूजा के बाद उसे बंद कर दिया गया। अब शीतकाल तक वेद ऋचाओं का वाचन नहीं होगा। मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कपाट बंद करने की तैयारियों की जानकारी दी। कपाट बंद होने से पहले मां लक्ष्मी को नारायण के साथ विराजमान होने का न्यौता दिया जाता है। 25 नवंबर को कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

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    25 नवंबर अपराह्न दो बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। File

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम में पूजा परंपरा विशिष्ट हैं पंच पूजाओं के तीसरे दिन बदरीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद खडग पुस्तक बंद कर दी गई है, अब शीतकाल के लिए भगवान नारायण की स्तुति में वेद ऋचाओं के स्वर नहीं सुनाईं देंगें।

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    श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजायें बीते शुक्रवार 21 नवंबर से प्रारंभ हो गई थी। परंपरा के अनुसार रविवार को तीसरे दिन विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट एवं अमित बंदोलिया ने श्री बदरीनाथ मंदिर में खडग पुस्तक पूजन हुआ तथा खडग पुस्तक बंद कर की गई है। इसी के साथ अपराह्न से वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल तक के लिए बंद हो गया।

    श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने हेतु बीकेटीसी की ओर तैयारियां चल रही है तथा सोमवार से श्री बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया जायेगा बताया कि साथ ही कपाट बंद होने के अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के आने की उम्मीद है।

    इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी, कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल सहित मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट विकास सनवाल आदि मौजूद रहे।

    मां लक्ष्मी को नारायण के साथ विराजमान होने का मिलेगा न्यौता

    बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने के मूहर्त से एक दिन पहले मां लक्ष्मी को बदरीनाथ धाम के गर्भ गृह में नारायण के साथ आने का न्यौता दिया जाता हैं। खास बात तो यह है कि मां लक्ष्मी को भी इस न्यौते का इंतजार रहता हैं। मां लक्ष्मी कपाट खुलने पर गर्भ गृह से मंदिर परिक्रमा स्थिति लक्ष्मी मंदिर में स्थापित होती है यात्रा काल में नारायण से बिछोह के बाद जब कपाट बंद होने पर नारायण की ओर से मिलन का न्यौता मिलता है तो यह क्षण बेहद भावुक होते हैं।

    बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजा के चौथे दिन 24 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को आमंत्रण तथा 25 नवंबर अपराह्न दो बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

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