Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ के कपाट, पांच हजार से ज्यादा यात्रियों ने किए दर्शन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 20 Nov 2018 08:48 PM (IST)

    शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। इस अवसर पर पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बदरीविशाल के दर्शन किए।

    शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ के कपाट, पांच हजार से ज्यादा यात्रियों ने किए दर्शन

    बदरीनाथ, जेएनएन। भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दोपहर बाद 3.21 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस मौके पर 5237 श्रद्धालुओं ने भगवान नारायण के दर्शन किए। कपाट बंद होने से पूर्व भगवान नारायण का फूल शृंगार उताकर उनके तन पर घृत कंबल (ऊन की चोली) ओढ़ाई गई। भगवान बदरी नारायण की चल विग्रह उत्सव डोली बुधवार को अपने शीतकालीन पूजा स्थल योगध्यान बदरी मंदिर के लिए रवाना होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धाम में तड़के 4.30 बजे से भगवान की नित्य पूजाएं और अभिषेक व महाभिषेक पूजाएं संपन्न कराई गईं। इसके बाद भगवान का राजभोग व बालभोग लगाया गया। दोपहर तक आम श्रद्धालु भगवान नारायण के दर्शन करते रहे। दोपहर डेढ़ बजे बाद इस वर्ष की अंतिम सायंकालीन पूजाएं शुरू हुईं।

    धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान का फूलों का शृंगार उतारने के बाद उनके शरीर पर घृत कंबल ओढ़ाई। इस घृत कंबल को माणा गांव की महिलाएं तैयार करती हैं। इससे पूर्व रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान की सखी का वेष धारण कर मां लक्ष्मी को अपनी गोद में उठाकर गर्भगृह में भगवान नारायण की बायीं ओर विराजित किया। फिर भगवान के बाल सखा उद्धव जी व देवताओं के खजांची कुबेर जी को गर्भगृह से बाहर लाया गया।

    उद्धव जी रावल के निवास स्थान और कुबेर जी बामणी गांव के नंदा देवी मंदिर में रात्रि विश्राम करेंगे। आज भगवान की उत्सव डोली के साथ उद्धव जी व कुबेर जी और आद्य शंकराचार्य की गद्दी को पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर लाया जाएगा। 

    कपाटबंदी के अवसर पर गढ़वाल स्काउट के बैंड की मधुर धुनों पर पूरी बदरीशपुरी भक्तिमय हो गई। धाम में सेना के साथ ही विभिन्न संस्थाओं की ओर से भंडारे लगाए गए थे। जिनमें चमोली जिले में उत्पादित झंगोरे की खीर को श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से ग्रहण किया। कपाटबंदी के लिए पूरी बदरीशपुरी को फूलों से सजाया गया था। इस मौके पर धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई पंकज मोदी, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, सीईओ बीडी सिंह, मंदिर अधिकारी राजेंद्र सिंह चौहान, मेहता व भंडारी थोक समेत मंदिर समिति के अधिकारी मौजूद थे।

    रिकॉर्ड 10.58 लाख भक्तों ने किए दर्शन 

    इस साल बदरीनाथ धाम में रिकॉर्ड दस लाख 58 हजार 490 श्रद्धालुओं ने भगवान नारायण के दर्शन किए। बीते वर्ष की अपेक्षा यह संख्या एक लाख से भी अधिक है। 

    स्वामी अवधेशानंद गिरी व बाबा रामदेव ने किए दर्शन

    कपाटबंदी के मौके पर पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज और योग गुरु बाबा रामदेव ने भगवान बदरी नारायण के दर्शन किए। सुबह हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ पहुंचने के बाद दोनों ने प्रात:कालीन पूजाओं में भाग लिया। उन्होंने मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह के साथ इस साल की यात्रा की जानकारी भी हासिल की। इसके बाद दोनों हरिद्वार के लिए रवाना हो गए।

    भविष्य बदरी धाम के कपाट भी हुए बंद

    बदरीनाथ धाम के साथ ही सुभांई गांव स्थित भविष्य बदरी धाम के कपाट भी दोपहर बाद 3.21 बजे बंद कर दिए गए। इस मौके पर वेदपाठी, हक-हकूकधारी व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। परंपरा के अनुसार जोशीमठ-मलारी हाइवे पर जोशीमठ से 17 किमी दूर स्थित भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी बदरीनाथ धाम के साथ ही खोले और बंद किए जाते हैं।

    यह भी पढ़ें: बदरीनाथ धाम में बंद हुए भगवान आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट

    यह भी पढ़ें: इस बार खास रही केदारनाथ यात्रा, जानिए इस उपलब्धि की वजह

    यह भी पढ़ें: केदारनाथ में दो हजार महिलाओं ने तैयार किया प्रसाद, 1.30 करोड़ में बिका  

    comedy show banner
    comedy show banner