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    Bageshwar News: जान जोखिम में डाल उफनते नाले को पार कर स्कूल पहुंच रहे बच्चे, प्रशासन पर उठ रहे सवाल

    By ghanshyam joshiEdited By: Swati Singh
    Updated: Thu, 20 Jul 2023 03:59 PM (IST)

    Bageshwar News इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बच्चे उफनते नाले को पार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वायरल वीडियो को सांसद आदर्श गांव सूपी का बताया जा रहा है। यहां नाला उफनाया हुआ है। स्कूली बच्चे बारी-बारी नाले को पार कर रहे हैं। जिससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।

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    जान जोखिम में डाल उफनते नाले को पार कर स्कूल पहुंच रहे बच्चे, प्रशासन पर उठ रहे सवाल

    बागेश्वर, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड में भारी बारिश से आम जनता का जीवन परेशानियों से भर जाता है। कहीं पहाड़ दरकते हैं तो कही नदियों को विकराल रूप देखने को मिलता है। नदी-नाले उफान पर रहते हैं और इसी उफनते नदी-नाले के बीच से बच्चे स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। इस कठिन परिश्रम से स्कूल पहुंचने की जिद मासूमों की जान को खतरे में डाल रही है।

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    अतिवृष्टि से हिमालय की तलहटी पर बसे गांवों में नाले उफन आए हैं। जिसके कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। नाले को विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं। जिससे विकास की तस्वीर सामने आ रही है। प्रशासन की ओर से किए जा रहे दावों के बीच ये वीडियो कई सवाल खड़े कर रहा है।

    उफनती गधेरे को पार कर रहे बच्चे

    इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो को सांसद आदर्श गांव सूपी का बताया जा रहा है। भारी बारिश के चलते पानी बढ़ गया है जिससे नाले उफनाया हुआ है। स्कूली बच्चे बारी-बारी गधेरे को पार कर रहे हैं। जिससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण ने कहा कि सांसद आदर्श गांव सूपी की यह सबसे डरावनी वीडियो है।

    वर्षों बाद भी सूपी गांव की तकदीर और तस्वीर नहीं बदल सकी है। विभागीय बैठकों में विकास के दावे कागजों तक सिमट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करनी होगी। इधर, मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सौन ने कहा कि कपकोट क्षेत्र अति संवेदनशील है। अतिवृष्टि आदि होने की स्थिति में विद्यालयों को बंद करने का अधिकार स्थानीय प्राध्यापकों और प्रधानाचार्यों को दिया गया है।

    भविष्य के लिए खतरे में जान

    बच्चे अपने भविष्य को सुधारने के लिए हर रोज शिक्षा के मंदिर में जाते हैं, लेकिन ये रास्ता इतना कठिन है कि इनकी जान ही खतरे में है। पहाड़ों पर सड़कें और सुविधाएं हर घर तक तो नहीं पहुंच पाई है, लेकिन बच्चों का यूं उफनते पानी से स्कूल जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।