Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बचपन में ठाना करूंगा देश की रक्षा, अब सपना साकार कर सेना में ऑफिसर बना ये युवा

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jun 2018 05:15 PM (IST)

    बागेश्वर का चेतन देश रक्षा का अपना सपना साकार कर सेना में ऑफिसर बन गया है। उसने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।

    बचपन में ठाना करूंगा देश की रक्षा, अब सपना साकार कर सेना में ऑफिसर बना ये युवा

    बागेश्वर, [जेएनएन]: जिले के होनहारों ने एक बार फिर अपनी चमक बिखेरी है। जलमानी गांव निवासी चेतन भौर्याल सेना में अफसर बन गए हैं। उनकी इस उपलब्धि पर हर कोर्इ फूले नहीं समा रहा है। चेतन बचपन से ही मन में देश की रक्षा का जज्बा लिए बड़ा हुआ, उसने बचपन में ही ठान ली थी कि देश की रक्षा के हमेशा तैयार रहूंगा और आज अपने सपने को साकार कर दिखाया है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चेतन भौर्याल ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में पासिंग आउट परेड के बाद सेनाधिकारी बन 13 पंजाब बटालियन में शामिल हो गए है। वह अखनूर सेक्टर जम्मू कश्मरी जाएंगे। चेतन मूलरुप से कपकोट ब्लाक के जलमानी गांव के रहने वाले है। 

    वर्तमान में उनका परिवार बागेश्वर शहर में ही रहता है। उनकी बचपन से ही इच्छा सेना में जाकर देश सेवा करने की थी। इसीलिए 2007 में उसका चयन सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में कक्षा छह के लिए हुआ। 2014 में घोड़ाखाल से ही इंटरमीडिएट किया। जिसके बाद उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही एनडीए की परीक्ष उत्तीर्ण कर ली। 

    तीन वर्ष पूणे और एक वर्ष आएमए की ट्रेनिंग पूरी की। जिसके बाद वह भारतीय सेना में अधिकारी बने। उनके पिता भगत सिंह भौर्याल जिलाधिकारी कार्यालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत है। मां गीता भौर्याल गृहिणी है। माता-पिता व अन्य परिजन इस पल को अपने मन और कैमरे में कैद करने के लिए देहरादून में ही मौजूद रहे। अपनी इस सफलता के बाद जैसे ही चेतन अपने माता-पिता से मिला तो उनकी खुुशीका ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने झट से अपने लाल को गले लगा लिया। इस लम्हे को देखकर ऐसा लग रहा था मानो चेतने अपने माता पिता से कह रहा हो कि आज आपके आशीर्वाद ने मुझे मेरी मंजिल तक पहुंचा दिया है और मुझे इतना काबिल बना दिया है कि मैैं अपने देेश की रक्षा कर सकूं। इस अवसर पर चेतन ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और अपने गुरुजनों को दिया है।       

    चेतन की इस उपलब्धि के बाद उनके फूफा आइएस धामी, चाचा दीपक भौर्याल, नंदन नगरकोटी, दरबान सिंह परिहार एंड बद्रर्श, सुंदर महरा, अजुन भट्ट, नरेंद्र सिंह भौर्याल आदि ने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। 

    यह भी पढ़ें: भारतीय सेना को मिले 383 युवा अधिकारी, सात मित्र देशों के 74 कैडेट भी हुए पास आउट

    यह भी पढ़ें: नेपाल के सेना प्रमुख ने गोरखा सैनिकों की बहादुरी को किया नमन