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पहाड़ पर राहत के साथ आफत बन बरसे मेघ

अल्मोड़ा जिले में मानसून आने से पहले ही मेघ डराने लगे हैं। बारिश ने पहाड़ पर राहत देने के साथ जमकर आफत भी बरसायी। जगह-जगह सड़कें बंद हो गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 06:17 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 06:17 PM (IST)
पहाड़ पर राहत के साथ आफत बन बरसे मेघ
पहाड़ पर राहत के साथ आफत बन बरसे मेघ

संसू, भिकियासैंण (अल्मोड़ा): मानसून आने से पहले ही मेघ डराने लगे हैं। बारिश ने पहाड़ पर राहत दी है, वहीं मूसलधार वर्षा आफत भी बन गई। रामनगर-भतरौजखान-भिकियासैंण स्टेट हाईवे पर बगड़ीगाढ़ के पास भूस्खलन जैसे हालात बन गए। मलबा आने से दो घंटे आवाजाही ठप रही। आपातकालीन 108 सेवा के साथ ही छोटे बड़े सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। आपदा प्रबंधन व विभागीय दल मौके पर न पहुंचा तो यात्री खुद ही मलबा हटाने में जुट गए। उधर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे भी मकड़ाऊं(दन्यां) के पास दो घंटे बाद खोला जा सका। अतिवृष्टि से आए मलबे के कारण भिकियासैंण विनायक आंतरिक रोड पिछले पांच घंटे से बंद पड़ी है।

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पर्वतीय क्षेत्रों में गुरुवार तड़के व दिन में अतिवृष्टि ने सड़कों पर सितम ढाया। रामनगर-भतरौजखान-भिकियासैंण स्टेट हाईवे पर दिन में करीब एक बजे बगड़ीगाढ़ के पास पहाडि़यों से मलबा खिसकर आ गया। इससे रामनगर व भिकियासैंण की तरफ आ जा रहे वाहन फंस गए। 1:20 बजे नियंत्रण कक्ष को सूचना दी गई। मगर घंटों बाद भी राहत व बचाव दल नहीं पहुंचा। करीब तीन बजे यात्रियों ने खुद मलबा हटाना शुरू किया। तब जाकर दो घंटे बाद यातायात सुचारू हो सका। वहीं भिकियासैंण विनायक आंतरिक रोड भी दिन में एक बजे से बंद है।

सोमेश्वर में जैनाल व डोबी गधेरा उफनाया, दो धर्मशालाएं ध्वस्त

= दाडि़मखोला में शिव मंदिर की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त

= भारी बारिश से सिंचाई व पेयजल योजनाओं को भी नुकसान

सोमेश्वर (अल्मोड़ा): मुख्य मानसून से पहले अतिवृष्टिं के झटके ने जैनाल व पायखाम इलाके में आपदा जैसा अहसास करा दिया। मूसलधार बारिश से जैनाल व डोबी गधेरा उफना गए। कृषि भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ गई। घरों में मलबा घुस आया। मंदिर, पुलिया व निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गई।

दाड़िमखोला में कोसी नदी व डोबी गधेरा के संगम पर शनि व भैरव मंदिर की धर्मशाला तथा कथा श्रवण एवं वाचन कक्ष पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। मंदिर परिसर का आगन व चहारदीवारी भी बाढ़ के वेग में बह गए। पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पास ही शिव मंदिर को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मंदिर परिसर की सौर स्ट्रीट बॉर्डर भी तहस नहस हो गया।

क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नयाल के अनुसार दाड़िमखोला बाजार क्षेत्र में करीब 40 परिवारों की प्यास बुझाने वाला मुख्य नौला तक क्षतिग्रस्त हो गया है। किलबुडाल से बनी दाड़िमखोला सिंचाई पंपिंग योजना को भी क्षति पहुंची है। जगह-जगह मलबा भर चुका है। हरवंश सिंह, पूरन सिंह, कुंदन सिंह, भूपेंद्र सिंह की लगभग 20 नाली कृषि भूमि तबाह हो चुकी है। आजीविका सहयोग परियोजना व महिला स्वयं सहायता समूह का पॉलीहाउस भी ध्वस्त हो गया। उधर अनुसूचित जाति बस्ती को जाने वाले मुख्य मार्ग पर पुलिया सुरक्षा दीवार व रैलिंग ध्वस्त हो गई है। तिलौरा गांव के घरों में मलबा भर गया है। निर्माणाधीन दाड़िमखोला सकनियाकोट रोड की दीवार भरभरा कर गिर गई। बीडीसी देवेंद्र व ग्राम प्रधान जानकी देवी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या व डीएम नितिन भदौरिया को पत्र लिख अतिवृष्टि से हुई क्षति से राहत दिलाने की गुहार लगाई है।

बिनसर में बादल फटने जैसे हालात

ताड़ीखेत (रानीखेत): धार्मिक पर्यटक स्थल सौनी बिनसर क्षेत्र में गुरुवार को बादल फटने जैसे हालात बन गए। भारी बारिश से उफनाए बिनसर गधेरे ने विकराल रूप ले लिया। बिनसर महादेव मंदिर परिसर जलमग्न हो गया। मंदिर कमेटी प्रबंधक चंदन सिंह बिष्ट 'महाराज' के अनुसार ऊपरी भूभाग पर बने चेकडैमों के कारण बाढ़ का वेग कुछ कम हुआ। हालांकि चेकडैमों को भी नुकसान पहुंचा है। मगर मंदिर परिसर के बगीचे को काफी नुकसान पहुंचा है।


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