दस का सिक्का बना जी का जंजाल, कौन असली और कौन नकली
अल्मोड़ा में दस रुपये के सिक्कों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और ये सिक्के असली व नकली के अफवाहों के बीच फंसकर रह गए हैं।
अल्मोड़ा, [जेएनएन]: यहां काफी वक्त से दस रुपये के सिक्कों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और ये सिक्के असली व नकली के अफवाहों के बीच फंसकर रह गए हैं। चर्चाओं में अलग-अलग वर्षों में जारी हुए एक प्रकार के सिक्के को असली, तो दूसरे प्रकार के सिक्कों को नकली बताया जा रहा है। इससे इनके आदान-प्रदान में रोड़ा पैदा हो गया है।
करीब डेढ़ दो माह से यहां बाजार में दस रुपये के सिक्कों के चलन में अड़चनें आ रही हैं। भले ही ऐसा कोई बड़ा विवाद सामने नहीं आया है, मगर इनके लेन-देन में व्यापारियों व ग्राहकों के बीच बहस या चर्चाएं हो रही हैं और कई लोग इन्हें लेने में आनाकानी कर रहे हैं। दस रुपये के उस सिक्के को नकली माना जा रहा है, जिसमें ‘र’ नहीं है और एक ओर किनारे गोलाई में 15 तिल्लियां हैं और दूसरी ओर जीवा रूप में दो रेखाएं हैं।
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दूसरी तरफ दस रुपये के उस सिक्के को असली माना जा रहा है, जिसमें मूल्य की जगह ‘र’ है और मात्र दस तिल्लियां हैं। ऐसी चर्चाएं बाजार में कई दिनों से चल रही हैं, मगर दोनों असली हैं या एक असली और दूसरा नकली, ऐसा स्पष्ट प्रमाण किसी के पास नहीं है।
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बस चर्चा व अफवाहों में ही यह सब चल रहा है। जिससे द्विविधाजनक स्थिति बनी है और इस सिक्के के चलन में अड़चनें आ रही हैं। लोग इन्हें लेने में आनाकानी जता रहे हैं। इससे आम आदमी परेशान हो गए हैं। कई बार दुकानदार तथा ग्राहकों में सिक्के को लेकर विवाद हो रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से नहीं मिले हैं कोई दिशा-निर्देश
भारतीय स्टेट बैंक अल्मोड़ा के मुख्य प्रबंधक केपी सिंह बताते है कि कोई भी बिना मानक के के सिक्कों को असली या नकली नहीं बता सकता। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिले हैं। पहले से चलन में दस में रुपये के सिक्के वर्तमान में भी चलन में हैं और सभी बैंक भी उन्हें लेंगे।
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