सैन्य युद्धाभ्यास: गुरिल्ला वार और ड्रोन के गुर जानेंगे जांबाज
भारतीय लड़ाके 'ड्रोन' जैसी अत्याधुनिक तकनीक में सक्षम यूएस आर्मी से भी बेहतरीन रणकौशल की थाह लेगी।
रानीखेत, [जेएनएन]: दुनिया की 'महाशक्ति' यूएस आर्मी चीता की माफिक दुश्मनों को चित करने में माहिर भारतीय जांबाजों के कायल हैं। 'फील्ड बैटल', गुरिल्ला वार सरीखी विश्व की महानतम युद्ध तकनीक में इंडो आर्मी का कोई सानी नहीं, लिहाजा अमेरिकी फौज जमीन से जमीन पर घात-प्रतिघात की उन तकनीकों को अपनाएगी, जो आतंकवाद के खिलाफ कारगर साबित होती है।
दूसरी ओर, भारतीय लड़ाके 'ड्रोन' जैसी अत्याधुनिक तकनीक में सक्षम यूएस आर्मी से भी बेहतरीन रणकौशल की थाह लेगी। सैन्य सूत्रों के मुताबिक इसका मकसद भविष्य में संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की शांति सेना में दोनों राष्ट्रों की सेना के बीच बेहतर सामंजस्य कायम करना है।
PICS: संयुक्त सैन्याभ्यास में अमेरिकी-भारतीय सेनाओं ने आतंकियों को किया ढेर
अल्मोड़ा के चौबटिया में शुरू हुए भारत-अमेरिकी संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास-2016 में दोनों देशों के जवान एक-दूसरे से उसके विशिष्ट युद्ध कौशल को सीखेंगे। दरअसल, भारतीय सेना यूएनओ की शांति सेना में अहम स्थान रखती है। श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान हो अथवा अन्य राष्ट्रों में आंतरिक विद्रोह का दमन। भारतीय जांबाजों ने अपना काम बखूबी निभाया है।
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इसी तरह अमेरिकी सेना भी यूएनओ की ओर से अहम रोल अदा करती आई है। इसी मकसद से जमीन से जमीन पर दुश्मनों को चित करने में माहिर भारतीय सैनिकों से यूएस आर्मी फील्ड बैटल के गुर सीखेगी। सैन्य सूत्र कहते हैं, 'फील्ड बैटल' में भारतीय सेना का पूरी दुनिया लोहा मानती है। इस युद्धकौशल का अब अमेरिकी सैनिक भी प्रशिक्षण लेंगे, ताकि भविष्य में आतंकवादियों से पार पाने में मदद मिल सके।
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