Almora Nikay Chunav: कौन हैं भाजपा के मेयर पद के प्रत्याशी अजय वर्मा, जिन पर पार्टी ने फिर जताया भरोसा
Almora Nikay Chunav BJP Candidate संघ और संगठन में गहरी पैठ ने अजय वर्मा को एक बार फिर से मेयर पद का टिकट दिला दिया है। वैसे तो मेयर पद के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी लिस्ट थी। भाजपा के एक कार्यकर्ता भैरव गोस्वामी ने बगावत कर कांग्रेस का भी हाथ थाम लिया था। इसके बावजूद भाजपा अजय वर्मा के साथ रही।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। लंबी जद्दोजहद के बाद भाजपा हाइकमान ने नगर निगम के मेयर प्रत्याशी पर अपनी मुहर लगा दी है। अपने सभी प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ संघ और संगठन में गहरी पैठ रखने वाले अजय वर्मा पार्टी का टिकट लाने में सफल रहे। टिकट मिलते ही चल रही सभी अटकलबाजियों पर भी विराम लग गया है।
नगर निगम बनने के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में इस बार मेयर का पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। भाजपा हाइकमान ने मेयर प्रत्याशी पद पर पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय वर्मा के नाम की घोषणा कर दी है। विनम्र स्वभाव के अजय वर्मा की संघ और संगठन के बीच गहरी पैठ मानी जाती है। पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें यह ईनाम मिला है।
मेयर पद के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी लिस्ट थी। टिकट ना मिलता देख भाजपा के एक कार्यकर्ता भैरव गोस्वामी ने बगावत कर कांग्रेस का भी हाथ थाम लिया है। इसके बावजूद भाजपा अजय वर्मा के साथ रही। टिकट फाइनल होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में हर्ष व्याप्त है। वर्मा 30 दिसंबर को अपना नामांकन कराएंगे।
2013 में भी रहे भाजपा प्रत्याशी
वर्ष 2013 में भाजपा ने अजय वर्मा को नगर पालिका के अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया था। तब यह सीट अनारक्षित थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रकाश जोश की कड़ी टक्कर दी थी। वह मात्र 590 मतों से पराजित हुए थे।
प्रोफाइल
अजय वर्मा पुत्र स्व. भुवन लाल वर्मा का जन्म 30 जून 1972 को हुआ। उनकी शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट है। वर्मा का आरएसएस से जुड़ाव बाल्यकाल से ही रहा। वह संघ तृतीय वर्ष में प्रशिक्षित है। वर्ष 1991 से वह विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के साथ भाजपा में नगर महामंत्री, नगर उपाध्यक्ष, भाजपा ग्रामीण प्रकोष्ठ प्रदेश सह प्रभारी, नामित सभासद, ओबीसी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री, पूर्व सदस्य बाल आयोग पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय के प्रतिनिधि रह चुके है।
आरक्षण में बदलाव करना चुनाव आयोग का कार्य: लीला
रानीखेत जिलाध्यक्ष लीला बिष्ट ने कहा कि आरक्षण का तय करना चुनाव आयोग का काम है। उनकी तरफ से कोई भी विरोध नहीं किया गया था। उनके सभी वर्गों ने सम्मान किया है और उनके सम्मान के लिए वह काम करते रहेंगी। उन्होंने कहा कि अनंतिम आरक्षण अधिसूचना के बाद कई जगह से आपत्ति गई थी। आपत्तियों का निस्तारण करते हुए अंतिम निर्णय चुनाव आयोग का होता है। वह और उनकी पार्टी सभी वर्गों के लिए काम करते आई है और करते रहेगी।
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