जनवरी में स्नान-ध्यान से पुण्य लाभ के मिलेंगे चार अवसर, आप भी नोट कर लें महत्वपूर्ण तिथियां
जनवरी में सनातन धर्म के अनुसार पुण्य लाभ के लिए चार विशेष स्नान अवसर मिलेंगे। इनमें पौष पूर्णिमा (3 जनवरी), मकर संक्रांति (15 जनवरी), मौनी अमावस्या (1 ...और पढ़ें

प्रयागराज में कल्पवास भी आरंभ होगा, जो इन अवसरों को और महत्वपूर्ण बनाता है।
शैलेश अस्थाना, जागरण, वाराणसी : सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जनवरी में स्नान-ध्यान कर पुण्यलाभ अर्जित करने के चार विशेष अवसर उपलब्ध होंगे। इन अवसरों पर गंगा, यमुना और त्रिवेणी संगम जैसे पवित्र स्थलों पर स्नान कर श्रद्धालु दान-पुण्य करते हैं।
इस बार जनवरी में हिंदू श्रद्धालुओं के लिए पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के पवित्र स्नानों का अवसर मिलेगा। पौष पूर्णिमा का स्नान तीन जनवरी को, मकर संक्रांति का 15 जनवरी को, मौनी अमावस्या का 17 जनवरी को और वसंत पंचमी का स्नान 23 जनवरी को होगा। पुराणों में इन धार्मिक और आध्यात्मिक स्नानों का विशेष महत्व बताया गया है।
पौष माह का अंतिम दिन पौष पूर्णिमा कहलाता है। इस दिन पवित्र नदियों गंगा और यमुना में स्नान के बाद सूर्य और चंद्र देव की पूजा करना और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है। प्रयागराज में इस दिन त्रिवेणी के संगम पर कल्पवास का आरंभ भी होता है, जो इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
मकर संक्रांति का स्नान भी विशेष महत्व रखता है। इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं, जिससे दिन बढ़ता है और रातें छोटी होती हैं। श्रद्धालु इस दिन तिल, गुड़ और अन्य खाद्य पदार्थों का दान करते हैं। मौनी अमावस्या पर विशेष रूप से मौन रहकर ध्यान करने का महत्व है। इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वसंत पंचमी का स्नान भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन ज्ञान और शिक्षा के प्रति समर्पण का भाव जागृत होता है। इन चार अवसरों पर स्नान और दान करने से श्रद्धालु पुण्य का लाभ प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करते हैं। इस प्रकार, जनवरी का महीना धार्मिक आस्था और पुण्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

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