World Environment Day : वाराणसी में गंगा नदी की सफाई कर, प्रदूषण मुक्त विश्व के लिए हुआ शंखनाद
विश्व पर्यावरण दिवस पर नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा तलहटी की सफाई की । गंगा जल को प्रदूषित कर रही सामग्रियों को निकालकर प्रदूषण मुक्त विश्व की कामना की गई । शंख ध्वनि के बीच गंगा सफाई और आरती के दौरान जल के संरक्षण का संकल्प लिया ।

वाराणसी, जेएनएन। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा तलहटी की सफाई की । गंगा जल को प्रदूषित कर रही सामग्रियों को निकालकर प्रदूषण मुक्त विश्व की कामना की गई । शंख ध्वनि के बीच गंगा सफाई और आरती के दौरान जल के संरक्षण का संकल्प लिया गया । पर्यावरण को शुद्ध रखने और वृक्षारोपण की भावना जागृत करने की नियत से लोगों को तुलसी का पौधा प्रदान किया गया। कोरोना जैसी महामारी का मुकाबला करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली हेतु नागरिकों से संगठित होने की अपील की गई । पर्यावरण के प्रमुख स्रोत भगवान भास्कर, जल रूपी मां गंगा और वनस्पति रूपी तुलसी की आरती उतारी गई ।
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संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हमारे लिए केवल एक रस्म-भर नहीं है, बल्कि यह खास दिन पर्यावरण के महत्व को उजागर करने और लोगों को यह याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि प्रकृति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। कहा कि पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ रखने, जल का संरक्षण और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए हमें जागरूक होना चाहिए। इस बार हम सब को मिलकर पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लेकर उस दिशा में काम करना प्रारम्भ करना चाहिए। आयोजन में प्रमुख रूप से काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी, महानगर सहसंयोजक शिवम अग्रहरी, महानगर सह संयोजक रामप्रकाश जायसवाल, सत्यम जायसवाल, प्रीति जायसवाल , सारिका गुप्ता , रश्मि साहू, घनश्याम गुप्ता , सोनू , पारुल गुप्ता, अमित यादव, स्वाति जायसवाल आदि शामिल रहे ।
महामारी के दौर में मानव और पर्यावरण के संबंधों पर पुनर्विचार की जरूरत
पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण जरुरी है। पौधे न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि जीवन के लिए उपयोगी प्राणवायु भी उपलब्ध कराते हैं। कोरोना महामारी ने हमें यही चेताया है कि पर्यावरण से खिलवाड़ घातक है। ऐसे में सम्पूर्ण धरा और प्रकृति को सुरक्षित व संतुलित रखने हेतु हमें पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग बनाना होगा। यह बातें वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने शनिवार को 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर नदेसर कैण्ट प्रधान डाकघर कैम्पस में पौधारोपण के दौरान कही। कहा कि कोरोना महामारी के दौर में मनुष्य और पर्यावरण के संबंधों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। भारतीय परंपरा में पेड़-पौधों को परमात्मा का प्रतीक मान कर उनकी पूजा का विधान है। पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो आचरण भी शुद्ध रहेगा। पर्यावरण को शुद्ध और प्रदूषण मुक्त रखने में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह एक पौधा अवश्य लगाए। उन्होंने डाककर्मियों से पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण और उसके चलते पैदा हो रही विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित करके हर डाककर्मी से पौधारोपण द्वारा उनके निवारण में भागीदार बनने का आह्वान किया। हमारी परंपरा में एक वृक्ष को दस संतानों के समान माना गया है। वृक्ष पीढ़ियों तक हमारी सेवा करते हैं। पौधारोपण और उनके रक्षण के दायित्व का निर्वाह कर सृष्टि को भावी विनाश से बचाया जा सकता है। डाक विभाग के अन्य अधिकारियों - कर्मचारियों ने भी कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर पश्चिमी मंडल के अधीक्षक संजय कुमार वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, सहायक डाक अधीक्षक अजय कुमार, जांच निरीक्षक श्रीकांत पाल, प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर रमाशंकर वर्मा, राजेंद्र यादव, प्रकाश गुप्ता, राकेश कुमार थे।

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